एक साल बाद हरियाणा पहुंचा विशालकाय ट्रेलर; 800 टन वजन, 400 टायर

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एक साल बाद हरियाणा पहुंचा विशालकाय ट्रेलर; 800 टन वजन, 400 टायर

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इतना बड़ा ट्रक जो कभी नहीं देखा होगा। इन 400 टायर वाले विशालकाय ट्रक को देखकर सब हैरान है। 400 टायर वाला यह ट्रक हरियाणा के कई शहरों से गुजरा है। जिस किसी की भी इस ट्रक पर नजर पड़ती है वह कुछ देर तक रुककर ट्रक को देखने लग जाता है। ये विशालकाय 400-400 टायर वाले दो ट्रक हैं जो हरियाणा में पहुंचे हैं। यह दोनों विशालकाय ट्रक एक साल से चल रहे हैं।
यह ट्रक एक साल पहले अक्तूबर 2023 में गुजरात के कांडला बंदरगाह से बॉयलर का हिस्सा लेकर चले थे और जिन्हें हरियाणा के पानीपत रिफाइनरी में पहुंचना है। 1350 किलोमीटर का सफर तय करके पानीपत पहुंचेगे। पानीपत तक पहुंचने के लिए अभी इसे दो महीने का समय और लगेगा। गुजरात के सूरत में ये बॉयलर बनाए गए जिसके बाद समुद्र मार्ग से कांडला बंदरगाह तक पहुंचे और उसके बाद इन 2 बड़े 400-400 टायर वाले ट्रेलरों में लोड करके इनको सड़क मार्ग से पानीपत पहुंचना है। 
एक विशालकाय ट्रेलर में 400 टायर लगे हैं और लगभग बॉयलर समेत इसका वजन 800 टन है। समतल रास्ते पर ट्रेन पुलर खींचते हैं लेकिन अगर कोई पुल या फिर कोई चढ़ाई वाला रास्ता पार करना हो तो इसमें 4-5 पुलर लगाए जाते हैं। एक पुलर 500 हार्स पावर से अधिक जोर लगाता है तो इस हिसाब से लगभग 1500 से 2 हजार घोड़ों की ताकत लग रही है। लगभग 13-14 महिनों में ये विशालकाय ट्रक अपने गंतव्य तक पहुंचेगा। 
जहां से ये ट्रक गुजरते हैं वहां पहले ही रास्ते में 15-20 किलोमीटर की दूरी तक सड़क को खाली करवा दिया जाता है। सड़क के ऊपर से गुजरने वाली बिजली की तार सहित अन्य कोई बाधा रेलवे फाटक जैसे अवरोधों को भी दूर किया जाता है। इसके लिए एक स्पेशल टीम काम करती है। इसके लिए संबंधित विभागों से पहले ही मंजूरी ली जाती है। ट्रेलर के चलने से लेकर पहुंचने तक की सभी तरह की मंजूरियां केंद्र सरकार से ली जाती है और तमाम राष्ट्रीय राजमार्गों से होते हुए ये अपने गंतव्य तक पहुंचेगा। 
ट्रेलर के साथ 100-200 लोगों की टीम काम करती है जिसमें अलग-अलग काम करने वाले कर्मचारी होते हैं। साथ पुलर ट्रक होते हैं जिनमें 4-5 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें ड्राइवर और हेल्पर शामिल हैं। इनके अलावा अन्य स्टाफ भी होता है जो आगे रास्ता खाली करता है और पुल बनाने का काम करते हैं। पुलर ट्रक के ऊपर एक स्पेस बना है, जिसपर इन सभी कर्मचारियों का खाना बनाया जाता है। साथ में वहीं पर सोने व आराम करने की जगह भी है। 
ट्रैलर एक दिन में 15-20 किलोमीटर का सफर तय करता है अगर रास्ते में कोई रुकावट न हो। अभी तक के सफर में लगभग 200 टायर फट चुके हैं जिनको साथ-साथ ही बदला जाता है। टेक्निकल सपोर्ट टीम भी साथ चलती है जो तमाम तकनीकी खामियों को देखती है। 
नरवाना सिरसा रोड पर विशालकाय ट्रक को गुजरने के लिए एक अस्थायी पुल बनाया गया है जो लगभग 15-20 दिनों में तैयार किया गया है। पुल की कैपेसिटी 1500 टन वजन उठाने की है। इसी तरह रास्ते में दो और पुल भी तैयार किए जा चुके हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग के पुल के ही समानांतर पुल बनाया गया है जो पूरी तरह से लोहे का बनाया गया है। पुल को बने हुए तीन दिन हो गए हैं और हर तरीके से इसकी सुरक्षा की जा रही है। आज यह विशालकाय ट्रक नरवाना में नहर पर बनाए गए अस्थायी पुल से गुजरेगा। 


 

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