अब कानून का किया दुरूपयोग तो नहीं होगी खैर; हरियाणा सरकार ने जारी किए आदेश
देश में कानून नागरिकों के हित के लिए बनाए जाते है ताकि जब भी उनके साथ कोई अपराध हो तो वो कानून की सहायता से न्याय ले सके। लेकिन जब आम जान ही इन कानूनों का दुरूपयोग करे तब क्या किया जाए।
हरियाणा के पानीपत में RTI से बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें पता चला है कि बीते दिनों थानों में महिलाओं द्वारा दर्ज करवाए गए 100 से ज्यादा मुकदमों में से 50% मुकदमे झूठे साबित हुए है जिनको पुलिस द्वारा कैंसिल करना पड़ा।
पानीपत के SP लोकेंद्र सिंह ने सख्त संज्ञान लिया है और पुलिस थानों में सख्त निर्देश दिए हैं कि झूठे मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। लोकेंद्र सिंह ने कहा कि जो लोग झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर ब्लैकमेलिंग और एक्सटॉर्शन का खेल खेलते है उनको बख्सा नहीं जाएगा।
दरअसल महिलाओं की अक्सर आवाज उठाने वाली और उन्हें न्याय दिलाने वाली शहर की समाज सेविका सविता आर्य ने इस मामले में पुलिस विभाग में एक RTI लगाई थी, जिसमें पाया गया कि थानों में महिलाओं द्वारा दर्ज करवाये गए करीब 110 मक़दमों में से 50 मुकदमे झूठे पाए गए जिनको पुलिस को कैंसिल करना पड़ा। सविता आर्य ने कहा कि जिस प्रकार रेप करने वालों को कड़ी सजा मिलती है, उसी प्रकार जो महिलाएं रेप और पोक्सो एक्ट के झूठे मुकदमे दर्ज करवाती हैं। उन्हें भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सविता ने कहा कि झूठे मुकदमों की वजह से सच में पीड़ित महिलायें न्याय से वंचित रह जाती हैय़ उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं ने अपने गैंग बना रखे हैं जो पुरुषों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा देती हैं और फिर पैसों की सांठ-गांठ करके समझौता पेश कर देती हैं।
पुलिस थानों में महिलाओं की शिकायत पर सबसे पहले मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं और बाद में जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन कुछ महिलाएं इसका नाजायज फायदा उठा रही है किसी भी पुरुष पर महिला झूठा आरोप लगाकर शिकायत दे देती है और पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ता हैय़ इसके बाद महिला पुरुष से समझौता करने की एवज में ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर देती हैं और पुरूष हरासमेंट और सामाजिक डर से समझौता कर लेते हैं और महिलाएं मोटी रकम लेकर केस कैंसिल करवा देती हैं।