Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा की इन जातियों को OBC सूची से किया गया बाहर, जानिए कैबिनेट का फैसला
संशोधन की आवश्यकता उच्चतर शिक्षा विभाग से स्कूल शिक्षा विभाग को अलग करने के लिए जरूरी थी। संशोधन का उद्देश्य स्कूल शिक्षा विभाग का दायरा और कर्तव्यों को उच्चतर शिक्षा विभाग से अलग करना है।
चंडीगढ़, 3 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा शैक्षिक (महाविद्यालय संवर्ग) ग्रुप-ख सेवा नियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। इन नियमों को हरियाणा शैक्षिक (महाविद्यालय संवर्ग) ग्रुप -ख सेवा (संशोधन) नियम, 2023 कहा जाएगा।
संशोधन के अनुसार, पात्रता के लिए किसी भारतीय विश्वविद्यालय से संबंधित/सुसंगत/सम्बद्ध विषय में 55 प्रतिशत अंकों सहित मास्टर डिग्री (अथवा जहां कहीं भी ग्रेडिंग प्रणाली का अनुसरण किया जाता है, वहां पॉइंट-स्केल में समकक्ष ग्रेड) के साथ बेहतर शैक्षणिक रिकॉर्ड या किसी प्रत्यायित विदेशी विश्वविद्यालय से समकक्ष डिग्री, को शामिल किया गया है।
सीधी भर्ती हेतु पात्रता के प्रयोजन के लिए हरियाणा राज्य की अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/पिछड़े वर्ग क तथा ख (असंपन्न वर्ग)/निशक्त (क) दृष्टिहीनता अथवा निम्न दृष्यता, (ख) बधिर और कम सुनाई देना, (ग) सेरेब्रल पालसी, कुष्ठ उपचारित, नाटापन, अम्लीय हमले के पीड़ित और मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी सहित लोकोमोटर निशक्तता (घ) विचार भ्रम (आटिज्म), बौद्धिक निशक्तला, विशिष्ट अधिगम निशक्तता और मानसिक अस्वस्थता। गूंगापन-अंधापन सहित (क) से (घ) के अन्तर्गत व्यक्तियों में से बहु निशक्त्तता) से संबंधित अभ्यर्थियों के लिए स्नातक स्तर के साथ-साथ स्नातकोत्तर स्तर पर पाँच प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। 55 प्रतिशत के पात्रता अकों (अथवा जहां कहीं भी ग्रेडिंग प्रणाली का अनुसरण किया जाता है, वहां प्वॉइंट स्केल में समकक्ष ग्रेड) और किसी रियायत अंक प्रक्रिया को शामिल किये बिना केवल अर्हता अंको के आधार पर उपरोक्त वर्णित वर्गों के लिए 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अथवा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा संचालित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) अथवा यूजीसी द्वारा प्रत्यायित समरूप परीक्षा, जैसे एसएलईटी/एसईटी अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (एम.फिल/पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) विनियम, 2009 या 2016 और समय-समय पर इनमें बाद में किए गए संशोधनों, जैसी भी स्थिति हो, के अनुसार पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई हो, उन्हें एनईटी/एलएलईटी/एसईटी से छूट प्रदान की जाएगी।
इन शर्तों को संबंधित विश्वविद्यालय के कुल सचिव अथवा संकाय अध्यक्ष (शैक्षणिक कार्य) द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।
बेहतर शैक्षणिक रिकॉर्ड निर्धारित करने के लिए मापदंड
बेहतर शैक्षणिक रिकॉर्ड निर्धारित करने के लिए उम्मीदवार द्वारा मास्टर डिग्री तक की चार में से दो परीक्षाओं (जो मैट्रिक अथवा इसके समकक्ष से निम्न की न हो) में औसतन 55 प्रतिशत अंक अथवा इनमें से दो परीक्षाओं में प्रत्येक में पृथकतः 50 अंक प्राप्त किए होने चाहिए।
चंडीगढ़, 3 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य वन कार्यकारी अनुभाग (ग्रुप-ग) सेवा नियम, 1998 में काडर से संबंधित पात्रता मानदंड और भर्ती शर्तों में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई।
हरियाणा राज्य वन कार्यकारी अनुभाग (ग्रुप-ग) सेवा (संशोधन) नियम, 2023 आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे।
संशोधन के अनुसार, अब सीधी भर्ती और पदोन्नत वन रेंजरों का अनुपात 50:50 होगा। जबकि वर्तमान में यह अनुपात 67:33 है। डिप्टी रेंजर्स को पदोन्नति के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली की सिफारिश के मद्देनजर यह संशोधन किया गया है।
वर्तमान में, विभाग में वन रेंजरों के 126 पद हैं, जिनमें से 67 प्रतिशत हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा भरे जाते हैं तथा 33 प्रतिशत पर डिप्टी रेंजरों से पदोन्नति द्वारा नियुक्ति की जाती है।
चंडीगढ़, 3 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा वन्य प्राणी परिरक्षण विभाग, राज्य सेवा, कार्यकारी (ग्रुप-क तथा ग्रुप -ख) सेवा नियम, 1998 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
ये नियम हरियाणा वन्य प्राणी परिरक्षण विभाग, राज्य सेवा, कार्यकारी ( ग्रुप-क तथा ग्रुप-ख) सेवा (संशोधन) नियम, 2023 कहे जाएंगे।
संशोधन के अनुसार, मुख्य वन्य जीव वार्डन का पद राज्य नियमों से हटा दिया गया है, क्योंकि अब इसे भारत सरकार द्वारा भारतीय वन सेवा (हरियाणा कैडर) में पीसीसीएफ स्तर पर शामिल किया गया है। यह संशोधन सरकार द्वारा समय-समय पर जारी अधिसूचनाओं और दिशा-निर्देशों के अनुपालन में किया गया है।
-हरियाणा मंत्रिमंडल ने ग्रामीण परिवारों के लिए पेयजल शुल्क माफ करके महत्वपूर्ण राहत दी
-374.28 करोड़ रुपये का बकाया शुल्क सहित अधिभार माफ किया गया
चंडीगढ़, 3 जनवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रामीण परिवारों को बड़ी राहत प्रदान करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इस निर्णय के तहत सरचार्ज और ब्याज सहित बकाया पानी के शुल्क की 374.28 करोड़ रुपये की माफी को मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार के इस कदम से राज्य भर में सामान्य श्रेणियों और अनुसूचित जाति के करोड़ों पेयजल उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
इस आशय की घोषणा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने महेंद्रगढ़ जिले के अटेली मंडी में आयोजित जनसंवाद के दौरान की थी। इस निर्णय से राज्य भर के ग्रामीण क्षेत्रों में 28.87 लाख पानी के कनेक्शन धारकों को राहत मिलेगी। हालांकि, यह छूट जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग के अंतर्गत आने वाले संस्थागत, वाणिज्यिक या औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए लागू नहीं है। कैबिनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों के सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल 2015 से 31 दिसंबर 2022 तक जमा 336.35 करोड़ रुपये की पेयजल शुल्क माफी को मंजूरी दे दी है। इसमें सामान्य वर्ग के साथ-साथ अनुसूचित जाति वर्ग भी शामिल है।
इसके अलावा कैबिनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अप्रैल 2015 से 31 दिसंबर 2023 तक जमा हुए पेयजल शुल्क पर कुल 37.93 करोड़ रुपये का सरचार्ज और ब्याज माफ करने को भी मंजूरी दी।
यह निर्णय ग्रामीण परिवारों पर वित्तीय भार को कम करने, आवश्यक संसाधनों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस छूट से हरियाणा में बड़ी संख्या में लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने परिवहन निरीक्षकों को चालान करने की शक्तियां प्रदान की
चंडीगढ़, 3 जनवरी - हरियाणा के श्री मुख्यमंत्री मनोहर लाल अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में परिवहन विभाग की प्रवर्तन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरियाणा मोटर वाहन नियम 1993 के नियम 225 के तहत परिवहन निरीक्षकों को चालान करने की शक्तियां प्रदान करने की मंजूरी दी गई।
वर्तमान में राज्य में परिवहन निरीक्षकों के 114 पद हैं, परिवहन विभाग में मुख्य रूप से 66 अधिकारियों को पहले ही प्रवर्तन ड्यूटी पर तैनात किया गया है। ये प्रवर्तन अधिकारी 22 डीटीओ-सह-सचिव आरटीए, 22 मोटर वाहन अधिकारी (प्रवर्तन) और 7 सहायक सचिव स्तर तक के अधिकारी से अतिरिक्त होंगे ।
राज्य भर में विस्तारित प्रवर्तन क्षमताओं की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने हरियाणा मोटर वाहन नियम 1993 के नियम 225 के तहत इन ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर को चालान करने की शक्तियों के विस्तार को मंजूरी दी है।
इस रणनीतिक निर्णय का उद्देश्य परिवहन विभाग के अन्दर प्रवर्तन प्रक्रियाओं को और मजबूत करना है, जिससे पूरे राज्य में मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों का अधिक प्रभावी ढंग से पालन सुनिश्चित हो सके। ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर अब चालान जारी करने के अधिकार का प्रयोग कर सकेगें, यदि संबंधित डीटीओ-सह-सचिव आरटीए द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गए हों और परिवहन आयुक्त से पूर्व अनुमोदन किया हो।
इस प्रकार अतिरिक्त अधिकारियों को चालान की शक्तियां देकर, हरियाणा सरकार मोटर वाहन अधिनियम का बेहतर कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी, इससे राज्य भर में सुरक्षित और अधिक विनियमित परिवहन सेवाओं में सहयोग मिलेगा।
हरियाणा सरकार ने इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में बढ़ाए कदम
मंत्रिमंडल ने हरियाणा में इको-टूरिज्म के विकास की नीति को दी मंजूरी
चंडीगढ़, 3 जनवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में इको-टूरिज्म के विकास की नीति को मंजूरी प्रदान की गई। इस नीति का उद्देश्य राज्य की समृद्ध जैव विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र, विरासत स्मारकों और सांस्कृतिक विविधताओं का संरक्षण करना है।
यह नीति हरियाणा को एक प्रमुख इको-टूरिज्म स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रकृति, संस्कृति और सामुदायिक जुड़ाव से समृद्ध एवं संपन्न है। हरियाणा सरकार इको-टूरिज्म नीति के उद्देश्यों को साकार करने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए हितधारकों, पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को आमंत्रित करती है। यह नीति हरियाणा की मौजूदा जैव विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र, विरासत स्मारकों, संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण करेगी और हरियाणा के जंगल के जैव विविधता और विरासत मूल्यों को बढ़ावा देगी।
यह नीति प्रकृति पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और स्वदेशी सामग्रियों के स्थायी उपयोग को बढ़ावा देने के अवसर प्रदान करती है और समग्र पर्यावरण-पर्यटन विकास के लिए स्थानीय समुदायों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, निजी उद्यमों और विभिन्न सरकारी विभागों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करती है, जिससे ऐसे समुदायों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
नीति में हरियाणा के विविध परिदृश्यों के संरक्षण पर जोर दिया गया है, जिसमें दो राष्ट्रीय उद्यान, सात वन्यजीव अभयारण्य, दो रामसर स्थल, दो संरक्षण रिजर्व और पांच सामुदायिक रिजर्व और पुरानी अरावली पहाड़ी श्रृंखला, शिवालिक पहाड़ियां, समृद्ध जैव विविधता घने जंगल, जल निकायों और दर्शनीय स्थलों सहित विशिष्ट वन्य जीव आवास पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं। इको-टूरिज्म गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए, वन और वन्य जीव विभाग ने पहले से ही राज्य में विभिन्न स्थानों पर सुविधाएं विकसित की हैं।
गौरतलब है कि वन एवं वन्य जीव विभाग ने राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यमुनानगर के चूहड़पुर और बनसंतोर, पंचकूला में थापली, पंचकूला एवं यमुनानगर में नेचर ट्रेल और रेवाड़ी जिले में मसानी में इको-टूरिज्म सुविधाएं विकसित की हैं। लेकिन एक उचित नीति दिशा-निर्देशों के अभाव में पर्यटन गतिविधियों को और अधिक बढ़ावा देने के लिए इको-टूरिज्म पर नीति तैयार करने की आवश्यकता थी। तदानुसार हरियाणा में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई गई है।
चंडीगढ़, 3 जनवरी- हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक आज यहाँ मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, कनिष्ठ अभियंता और अतिरिक्त उपमंडल अभियंता (ग्रुप सी) सेवा नियम, 2014 में संशोधन को मंजूरी दे दी।
मौजूदा नियमों के अनुसार, विशिष्ट पदों के लिए ग्रुप 'सी' और ग्रुप 'डी' कर्मचारियों से पदोन्नति कोटा कुल पदों का 10 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। ग्रुप 'डी' कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर बढ़ाने के मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, संशोधित नियमों में कनिष्ठ अभियंता के पद पर पदोन्नति के लिए ग्रुप 'सी' के लिए 10 प्रतिशत और ग्रुप 'डी' के लिए 5 प्रतिशत का पदोन्नति कोटा प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त, कनिष्ठ अभियंता के पद पर पदोन्नति के लिए अपेक्षित शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने के बाद ही अनुभव पर विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत, सिंचाई विभाग ने सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग, हरियाणा और पीडब्ल्यूडी बी एंड आर विभाग, हरियाणा के अनुरूप अपने नियमों को संशोधित करना आवश्यक समझा है।
हरियाणा में ग्रामीण चौकीदारों को सेवानिवृत्ति के बाद 2 लाख रुपये का मिलेगा वित्तीय लाभ
मंत्रिमंडल की बैठक में दी गई मंजूरी
इस फैसले से सभी ग्रामीण चौकीदार होंगे लाभान्वित
चंडीगढ़, 3 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रामीण चौकीदारों को सेवानिवृत्ति के बाद 2 लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए हरियाणा चौंकीदार नियम, 2013 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। इस निर्णय से सभी ग्रामीण चौकीदारों को लाभ होगा और राज्य सरकार वित्तीय भार वहन करेगी।
इन नियमों को हरियाणा चौंकीदार संशोधन नियम, 2024 कहा जाएगा। संशोधन के अनुसार, हरियाणा चौंकीदार नियम, 2013 के नियम-12 के तहत एक नया उप-नियम (2क) जोड़ा गया है, ताकि प्रत्येक ग्रामीण को सेवानिवृत्ति के बाद 2 लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जा सकेगी।
हाल ही में, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में ग्रामीण चौकीदारों की मांगों और मुद्दों को लेकर एक बैठक हुई थी, जिसमें भारतीय मजदूर संघ और ग्रामीण चौकीदारों की राज्य इकाई सहित ग्रामीण चौकीदारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगे रखी थी।
इसलिए राज्य सरकार ने ग्रामीण चौकीदारों का मासिक मानदेय 7,000 रुपये से बढ़ाकर 11,000 रुपये प्रति माह करने, वर्दी भत्ता 2500 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति वर्ष करने तथा साइकिल भत्ता हर 5 साल में 3500 रुपये करने का फैसला किया है। इन सभी वित्तीय लाभों पर हर साल लगभग 30 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।
चण्डीगढ़, 3 जनवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई।
योजना के अनुसार राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति-2021 में कुल 55 दुर्लभ बीमारियों का उल्लेख है और यह बहुक्रियात्मक रोग हैं। वर्तमान में हरियाणा में लगभग 1000 मरीज इन अधिसूचित दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं। सरकार का लक्ष्य प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करना है। इस पहल की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा 11 मई 2023 को सिविल अस्पताल, यमुनानगर में उद्घाटन समारोह के दौरान की गई थी।
इस योजना के तहत, पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को 2,750 रुपये प्रति माह की मासिक वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता आवेदक द्वारा किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत प्राप्त किए जा रहे लाभ के अतिरिक्त होगी।
चण्डीगढ़, 3 जनवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवा एवं शिक्षा संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2016 की सूची में पिछड़े वर्गों की राज्य सूची (ब्लॉक-ए) में क्रम संख्या-1 से 7 जातियों नामतः अहेरिया, अहेरी, हेरी, हरि, तुरी या थोरी को हटाने, क्रम संख्या-31 पर जंगम-जोगी शब्द को जंगम के रूप में संशोधित करने तथा क्रम संख्या-50 से राय सिख जाति को हटाने के संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
समय-समय पर व्यक्तियों और संघों/संगठनों से प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें अहेरिया, अहेरी, हेरी, हरि, थोरी या तुरी और राय सिख समुदायों को पिछड़े वर्गों की राज्य सूची (ब्लॉक-ए) से हटाने का अनुरोध किया गया है क्योंकि इन जातियों को केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा की अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किया गया है।
केंद्र सरकार ने इन जातियों को हरियाणा की ओबीसी सूची से भी हटा दिया है क्योंकि अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों की सूची परस्पर सामान्य है और एक समुदाय को एक ही समय में अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों की सूची में शामिल नहीं किया जा सकता है।
संबंधित अधिकारियों के समक्ष इन जातियों को एससी या बीसी प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी संशय को दूर करने के लिए और एक बार इन जातियों को संविधान के अनुसूचित जाति क्रम में शामिल कर लिया गया है, इसलिए इन्हें पिछड़े वर्गों की सूची से हटाया गया है।
पिछड़ा वर्ग (ब्लॉक-ए) की सूची में क्रमांक-1 से अहेरिया, अहेरी, हेरी, हरि, थोरी अथवा तुरी को हटाने के बाद नायक जाति क्रमांक-1 पर ही रहेगी तथा क्रमांक-50 से राय सिख को हटाते हुए क्रमांक-50 पर '30 जून 2016 से हटा दिया गया' शब्द जोड़े गए हैं, क्योंकि भारत सरकार ने उसी तारीख से इन जातियों को हरियाणा की ओबीसी सूची से भी हटा दिया है।
इसके अलावा, बीसी ब्लॉक (ए) सूची के क्रम संख्या-31 पर, जोगी जंगम को जंगम में संशोधित किया जाएगा, जबकि अन्य मौजूदा प्रविष्टियां वैसी ही रहेंगी।
चण्डीगढ़, 3 जनवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा सरकार द्वारा विशेष मामले के रूप में एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीरचक्र, वीएसएम, एडीसी को परम विशिष्ठ सेवा मैडल के लिए एकमुश्त 6,50,000 रुपये का नकद पुरस्कार देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
अनुभवी अधिकारी, एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीआरसी, वीएसएम, एडीसी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा 26 जनवरी, 2022 को पीवीएसएम से सम्मानित किया गया है, जिसे भारत सरकार के गजट 9 अप्रैल, 2022 को अधिसूचित किया गया था। 29 दिसंबर 1982 को सेवा में शामिल होने के समय अधिकारी का पता लुधियाना (पंजाब) था। 26 जनवरी, 2022 को पुरस्कार प्राप्त करते समय अनुभवी अधिकारी का पता 1988 से सेक्टर-2, पंचकुला है। इसलिए, कैबिनेट ने नीति संख्या 28/2/2005-4 डी-III में छूट देते हुए 28 मई, 2014 के अनुरूप अनुदान राशि जारी करने का निर्णय लिया है।