Haryana News: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने की बड़ी कार्रवाई, बिजली विभाग के दो अधिकारी किए सस्पेंड
Haryana News: हरियाणावासियों की शिकायत सीधे सरकार तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई सीएम विंडो लगातार जनता की शिकायतों के समाधान का सशक्त माध्यम बन रही है। इसी कड़ी में सीएम विंडो पर आई एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के दो अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सब डिविजन-1 एरिया, रोहतक के तत्कालीन कार्यकारी अभियंता महताब सिंह और तत्कालीन सब डिविजन अधिकारी जितेंद्र कुमार (ऑपरेशनल) को निलंबित किया है। साथ ही उक्त दोनों अधिकारियों के विरुद्ध नियम-7 के तहत विभागीय कार्यवाही करन के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल ने मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सीएम विंडो पर अरविन्द, निवासी 264, एचएसआईआईडीसी, कुताना हिसार रोड, रोहतक के द्वारा उसकी कम्पनी के जनवरी, 2023 के बिजली बिल के साथ लोड ज्यादा यूज करने के कारण चार्जस लग कर आने की शिकायत दर्ज करवाई। शिकायतकर्ता ने बिजली के लोड बढ़वाने के लिए ऑनलाईन आवेदन किया था और कई बार उप मण्डल अधिकारी व कार्यकारी अभियंता से मिलने के बाद भी अपने आवेदन की स्थिति के संबंध में कोई जवाब नहीं मिला। तत्पश्चात शिकायतकर्ता को बताया गया कि बिजली विभाग पर लोड उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से लोड नहीं दिया गया है।
श्री भूपेश्वर दयाल ने बताया कि शिकायतकर्ता को बाद में पता चला कि कार्यकारी अभियंता ने उनके आवेदन को अंडर प्रोसेस करके किसी दूसरी कम्पनी के आवेदन को स्वीकृत करके उन्हें बिजली का अतिरिक्त लोड दे दिया है। इस कारण से शिकायतकर्ता अरविन्द को पिछले 5 महीने से ओवर लोड चार्जिस का भुगतान करना पड़ा।
ओएसडी ने बताया कि इस पूरे मामले की अधीक्षण अभियंता (एसई) (ऑपरेशनल) सर्कल, उतर हरियाणा बिजली वितरण निगम, रोहतक द्वारा जांच की गई। जांच रिपोर्ट में तत्कालीन कार्यकारी अभियन्ता महताब सिंह व तत्कालीन सब डिविजन अधिकारी जितेन्द्र कुमार (ऑपरेशनल) सब डिविजन-1/ एरिया, रोहतक को दोषी पाया गया। इसलिए मुख्यमंत्री ने संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उक्त दोनों अधिकारियों को निलंबित करने के साथ ही विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
श्री भूपेश्वर दयाल ने कहा कि सीएम विंडो से जनमानस की आवाज सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच रही है। लोगों की शिकायतों के त्वरित निराकरण के साथ-साथ सही तरीके से कार्य न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी तुरंत कार्रवाई की जा रही है। इसलिए सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को स्पष्ट संदेश है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं होगा। मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार पर अपनाई गई जीरो टोलरेंस नीति के अनुरूप अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्य को पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ करें।