Haryana News: हरियाणा की नीलम की जमानत का दिल्ली पुलिस ने किया विरोध, संसद सुरक्षा चूक में है आरोपी
हरियाणा के जींद की रहने वाली नीलम आजाद की जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया है। नीलम संसद सुरक्षा चूक के आरोप में गिरफ्तार की गई थी। इस मामले में कुल 6 लोग गिरफ्तार हुए थे, जिनमें संसद के अंदर पीली गैस छोड़ने वाले 2 आरोपी भी शामिल हैं।
पुलिस ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में कहा कि नीलम पर गंभीर आरोप लगे हैं। उसे जिस UAPA कानून के तहत नामजद किया गया है, उसमें उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।
पुलिस ने कहा कि नीलम और उसके साथियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगा देश की एकता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। उनके खिलाफ UAPA के सेक्शन 16 (टेरेरिज्म) और 18 (आतंकी साजिश) की धारा भी जोड़ी गई है।
नीलम ने कुछ दिन पहले गिरफ्तारी के 24 घंटे की जगह 29 घंटे में कोर्ट में पेश न करने पर अनुच्छेद 22 (1) का हवाला देकर जमानत याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडिशनल सेशन जज हरदीप कौर की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिसे 18 जनवरी को सुनाया जा सकता है।
जींद की रहने वाली नीलम को गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था। (फाइल फोटो)
नीलम के खिलाफ पर्याप्त सबूत
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में यह भी कहा कि सभी आरोपियों की हैसियत प्रभावशाली है। जमानत मिलने पर वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। आरोपियों के खिलाफ जो सबूत मिले हैं, उसमें उनके संसद सुरक्षा चूक में शामिल होने की बात साबित होती है।
नीलम के भाई रामनिवास का कहना है कि वह मंगलवार को ही अपनी बहन से मिला था। नीलम से मिलकर कुछ देर के लिए बात की। घर को लेकर उनकी बात हुई थी।
वहीं वकील सुरेश चौधरी का कहना है कि नीलम के केस में जमानत को लेकर उनकी कोर्ट में बहस हुई थी। साथ ही UAPA एक्ट हटाने को लेकर भी बहस हुई थी। नीलम कोई पेशेवर अपराधी नहीं है, इसलिए उसे राहत देते हुए जमानत की अर्जी मंजूर करनी चाहिए।
नीलम के भाई रामनिवास ने कहा कि मंगलवार को ही वह नीलम से मिलकर आया है।
पहले खारिज हो चुकी याचिका
इससे पहले नीलम ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जिसमें नीलम के वकील ने दलील दी थी कि पुलिस हिरासत संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है। उसे अपनी पसंद के वकील की भी परमिशन नहीं दी गई। हालांकि कोर्ट ने इसे मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आधार मानने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह सुनवाई के योग्य नहीं है।
वकील की परमिशन मिली, FIR कॉपी नहीं
इस मामले में नीलम की याचिका पर उन्हें वकील से मिलने की छूट मिल गई। हालांकि परिवार ने नीलम पर दर्ज FIR की कॉपी भी मांगी थी लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसका विरोध किया। जिसके बाद उन्हें एफआईआर की कॉपी की परमिशन नहीं मिली।
जींद की नीलम, हिसार PG में रह रही थी
नीलम मूल रूप से जींद के घसो खुर्द गांव की रहने वाली है। वह हिसार के एक PG में रहकर कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रही थी। वह किसान आंदोलन में भी हिस्सा ले चुकी थी। इसके अलावा उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी कई प्रदर्शन में शामिल होने के भी सबूत मिले थे।
गिरफ्तारी पर कहा था- हम स्टूडेंट
संसद के बाहर 13 दिसंबर 2023 को एक महिला प्रदर्शन करते हुए दिखी थी। पुलिस ने जब उसे पकड़ृा तो उसने मीडिया से कहा कि वह किसी संगठन से नहीं है बल्कि स्टूडेंट है। वह बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। इसके बाद पता चला कि वह हरियाणा के जींद की रहने वाली है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने उसके घर में रेड कर उसके कमरे की तलाशी ली और बैंक प्रूफ भी जब्त किए।