Haryana Property Tax: हरियाणा की शहरी आबादी की हुई बल्ले-बल्ले, प्रॉपर्टी टैक्स पर अब ये मिलेगा फायदा

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Haryana Property Tax: हरियाणा की शहरी आबादी की हुई बल्ले-बल्ले, प्रॉपर्टी टैक्स पर अब ये मिलेगा फायदा

Haryana Property Tax: हरियाणा की शहरी आबादी की हुई बल्ले-बल्ले, प्रॉपर्टी टैक्स पर अब ये मिलेगा फायदा


 Haryana Property Tax: हरियाणा के शहरी क्षेत्र में रहने वाली 65.12 प्रतिशत आबादी को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार के शहरी स्थानीय निकाय (ULB) विभाग ने चालू वित्तीय अवधि के लिए प्रॉपर्टी टैक्स पर बकाया 15 प्रतिशत की स्पेशल छूट सहित छूट के दूसरे लाभ उठाने की लास्ट डेट 29 फरवरी तक बढ़ा दी है। 

2010-11 और 2022-23 के बीच की अवधि के लिए बकाया पर 15 प्रतिशत की एकमुश्त छूट भी फरवरी अंत तक बढ़ा दी है। इस तरह की छूट की आखिरी तारीख पहले 31 दिसंबर 2023 तक रखी गई थी। विभागीय सूत्रों ने बताया कि विभाग ने यह भी घोषणा की है कि 2010-11 से पेंडिंग प्रॉपर्टी टैक्स पर ब्याज पर 100 प्रतिशत की एकमुश्त छूट भी 29 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। .

यह फैसला राज्य सरकार के कई करोड़ रुपए के पेंडिंग टैक्स की वसूली करने के निर्देश के बाद आया है। यह उस रणनीति का हिस्सा है, जिससे लंबे समय से पेंडिंग टैक्स की वसूली में मदद मिले। 

इस बार विभाग की ओर से प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी का स्व-प्रमाणन को आवश्यक किया गया है। ULB विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छूट और डिस्काउंट ऑफर से टैक्स बकाया के संग्रह में वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि वित्तीय अवधि तीन महीने में समाप्त होने वाली है। अंतिम तिथि का विस्तार शायद लंबित करों की वसूली के लिए अंतिम उपाय था। 

सूत्रों ने कहा कि चूंकि टैक्स से उत्पन्न कुल आय जल्द ही बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। सरकार को उम्मीद है कि 1000 करोड़ रुपए तक संपत्ति कर वसूलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन https://ulbhryndc.org/ वेबसाइट पर संपत्ति कर भरने पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त छूट का लाभ ले सकते हैं। 

जो संपत्ति मालिक निर्धारित समय में अपना बकाया संपत्ति कर जमा नहीं करवाता है, तो पॉलिसी के अनुसार उसे किसी प्रकार की छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि "ULB विभाग अन्य रणनीतियों पर भी काम कर रहा है। 

जैसे नोटिस जारी करना और पहले के नोटिस और चेतावनियों का जवाब देने में विफल रहने वाले लोगों के खिलाफ सीलिंग अभियान चलाना और जिन पर निकायों का 50,000 रुपए से अधिक का बकाया है। बताया कि कई व्यक्तियों की संपत्तियों को हाल ही में सील कर दिया गया, क्योंकि वे अपना लंबे समय से बकाया चुकाने में विफल रहे हैं।

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