हरियाणा : करनाल की बेटी बनी राजस्थान की जज; राजस्थान कैडर में 65वीं मिली रैंक
हरियाणा के करनाल की बेटी वर्षा राजस्थान में जज बन गई हैं। वर्षा को राजस्थान कैडर में 65वीं रैंक मिली है। परिवार और कलसौरा गांव के लोगों ने जज बेटी का फूलमालाएं पहनाकर और ढोल बजाकर जोरदार स्वागत किया।
परिवार के मुताबिक वर्षा के पिता का निधन हो चुका है। वर्षा को उनके चाचा ने पढ़ाया है। वर्षा ने पहले एलएलबी की पढ़ाई की थी, उसके बाद वह ज्यूडिशियरी की तैयारी कर रही थी। वर्षा ने बताया कि किसी भी काम में सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है।
अगर हम इस मुकाम को पाने की ठान लें तो एक न एक दिन यह मुकाम हमें मिल ही जाता है। उनके माता-पिता ने जो सपना देखा था, वह आज पूरा हो गया है।
वर्षा ने बताया कि उनकी स्कूली पढ़ाई गांव के ही एक निजी स्कूल से हुई। फिर उन्होंने केवीडीएवी कॉलेज करनाल से बीएससी की। फिर बाबैन कॉलेज ऑफ लॉ से एलएलबी की। इस साल मई में एलएलबी पूरी हुई और फिर जज बनने के लिए एग्जाम दिया और वो भी क्लियर हो गई। ज्यादातर पढ़ाई घर बैठे ही की और ऑनलाइन कोचिंग भी ली।
वर्षा के चाचा दीपक ने बताया कि उनके भाई यानी वर्षा के पिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बेटी को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पूरा परिवार एकजुट हो गया और उसे पिता की कमी कभी महसूस नहीं होने दी। उसके सपने को साकार करने के लिए पूरा परिवार एक साथ खड़ा रहा। आज हम कितने खुश हैं, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
गांव कलसौरा के सरपंच ने बेटी के जज बनने पर बधाई दी। उन्होंने बेटी के पैर भी पकड़े। सरपंच ने कहा कि वर्षा ने उनके गांव का नाम रोशन किया है और ऐसी बेटी को मैं सलाम करता हूं।
परिवार के मुताबिक वर्षा के पिता का निधन हो चुका है। वर्षा को उनके चाचा ने पढ़ाया है। वर्षा ने पहले एलएलबी की पढ़ाई की थी, उसके बाद वह ज्यूडिशियरी की तैयारी कर रही थी। वर्षा ने बताया कि किसी भी काम में सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है।
अगर हम इस मुकाम को पाने की ठान लें तो एक न एक दिन यह मुकाम हमें मिल ही जाता है। उनके माता-पिता ने जो सपना देखा था, वह आज पूरा हो गया है।
वर्षा ने बताया कि उनकी स्कूली पढ़ाई गांव के ही एक निजी स्कूल से हुई। फिर उन्होंने केवीडीएवी कॉलेज करनाल से बीएससी की। फिर बाबैन कॉलेज ऑफ लॉ से एलएलबी की। इस साल मई में एलएलबी पूरी हुई और फिर जज बनने के लिए एग्जाम दिया और वो भी क्लियर हो गई। ज्यादातर पढ़ाई घर बैठे ही की और ऑनलाइन कोचिंग भी ली।
वर्षा के चाचा दीपक ने बताया कि उनके भाई यानी वर्षा के पिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बेटी को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पूरा परिवार एकजुट हो गया और उसे पिता की कमी कभी महसूस नहीं होने दी। उसके सपने को साकार करने के लिए पूरा परिवार एक साथ खड़ा रहा। आज हम कितने खुश हैं, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
गांव कलसौरा के सरपंच ने बेटी के जज बनने पर बधाई दी। उन्होंने बेटी के पैर भी पकड़े। सरपंच ने कहा कि वर्षा ने उनके गांव का नाम रोशन किया है और ऐसी बेटी को मैं सलाम करता हूं।