गोहाना में नाबालिग लड़की से रेप, कोर्ट ने सुना दिया कड़ा फैसला

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गोहाना में नाबालिग लड़की से रेप, कोर्ट ने सुना दिया कड़ा फैसला

Rape of woman in Sonipat


हरियाणा के सोनीपत में बड़ा मामला सामने आया है, यहां सोनीपत की कोर्ट ने गोहाना क्षेत्र से हुए एक नाबालिग लड़की के अपहरण व रेप के मामले में दोषी को कड़ी सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी युवक को 20 साल की कैद और विभिन्न धाराओं के तहत कुल 57 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। 

बता दें कि युवक ने एक अप्रैल को घर से स्कूल  जा रही नाबालिग को अगवा कर उसका रेप किया था जिस मामले में गोहाना के सदर गोहाना थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने दो अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने  कार्रवाई करते हुए नाबालिग लड़की को बरामद कर लिया और उसका मेडिकल परीक्षण कराया था। 

 जिसके बाद अब अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र (फास्ट कोर्ट) ने दोषी युवक को 20 साल की कैद और विभिन्न धाराओं के तहत कुल 57 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर उसे अतिरिक्त समय जेल काटनी होगी।

जानकारी अनुसार, गोहाना के सदर गोहाना थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने दो अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उनकी नाबालिग बेटी, जो कक्षा 12वीं की छात्रा है, एक अप्रैल को घर से स्कूल जाने के लिए निकली थी, लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटी। परिवार ने अपने स्तर पर उसकी काफी तलाश की। लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

स्पेशल प्रोसिक्यूटर विजेंद्र सिंह खत्री ने बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है। सभी तथ्यों और सबूतों पर विचार करने के बाद दीपक को दोषी ठहराया। कोर्ट ने पॉस्को एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी को 20 साल की कैद और पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया।

इसके अतिरिक्त, धारा-506 के तहत दो साल की कैद और दो हजार रुपए जुर्माना, धारा-363 के तहत तीन साल की कैद और दो हजार रुपए जुर्माना, और धारा-366 के तहत पांच साल की कैद और तीन हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि दोषी जुर्माने की राशि अदा नहीं करता है, तो उसे दस महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की राशि में से 45 हजार रुपए पीड़िता को दिए जाएं। इस फैसले से पीड़िता और उसके परिवार को कुछ हद तक न्याय मिला है और यह जघन्य अपराध करने वालों के लिए एक कड़ा संदेश है

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