एक्सप्रेस वे के निर्माण से नहीं आनी चाहिए नहरी पानी को खेतों तक पहुंचने में कोई परेशानी
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उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार ने एनएचएआई व राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जम्मू-कटरा एक्सप्रेस वे के बनने से जिन किसानों के चकबंदी या तकसीम के समय लगे रास्ते बंद हो गए हैं तो उनके रास्तों का निर्माण करवाया जाए, ताकि किसानों को खेतों में जाएक्सप्रेस वे के निर्माण से नहीं आनी चाहिए नहरी पानी को खेतों तक पहुंचने में कोई परेशानीने के लिए रास्ता मिल सके। उदाहरण के लिए अगर किसी किसान के एक जगह 10 एकड़ जमीन थी और राजस्व रिकार्ड के अनुसार उसके खेत तक रास्ता था लेकिन एक्सप्रेसवे के निर्माण से उसके खेत चक के दो भाग हो गए और एक चक तक तो रास्ता रह गया और एक्सप्रेसवे की दूसरी साईड बचे खेत का रास्ता बंद हो गया था उस खेत को भी नजदीक स्थित रास्ते से जोड़ा जाए।
उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार ने सोमवार को देर रात लघु सचिवालय में एक्सप्रेस वे के निर्माण से गांव पुठी, रूखी, गंगेसर, बुटाना खेतलान, गोरड़, भैसवान खुर्द, गिवाना आदि के किसानों को हुई परेशानियों के समाधान के लिए किसानों व एचएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक की। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि एक्सप्रेसवे के निर्माण से जिन किसानों के खेतों में जाने वाले नहरी पानी के पहुंचने में कोई परेशानी आ रही है तो उसके लिए भी उचित व्यवस्था की जाए। अगर वहां पाईप लाईन दबानी है तो पाईप लाईन दबाएं। इसके साथ सभी संबंधित कानूनगो व पटवारी मौका मुआयना कर जिन खेतों में नए रास्ते लगाने हैं उसकी 31 दिसंबर तक रिपोर्ट तैयार करें ताकि एनएचएआई उन खेतों को रास्ता देने के लिए भूमि का अधिग्रहण कर सके।
उपायुक्त ने संबंधित गांवों के किसानों का आह्वïान किया कि जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे के निर्माण से जिन किसानों के खेतों में जाने वाला राजस्व रिकार्ड रास्ता बंद हो गया है तो वह अपनी लिखित शिकायत डीआरओ कार्यालय में तुरंत जमा करवाएं ताकि सभी किसानों के खेतों में रास्ता लगवाया जा सके। बैठक में कुछ गांवों के सरपंचों ने मांग रखी कि उनकी पंचायत की अधिग्रहण हुई जमीन के पैसे नहीं मिले है तो इस बारे उपायुक्त ने एनएचएआई विभाग के पीडी जगभूषण को निर्देश दिए कि इस बारे मुख्यालय बात करें ताकि इन पंचायतों को पैसा मिल सके। इस मौके पर डीआरओ हरिओम अत्री, डीडीपीओ जितेन्द्र कुमार सहित एनएचएआई विभाग के अधिकारी व विभिन्न गांवों के किसान मौजूद रहे।