सफाई कर्मचारियों के प्रति संवेदना रखते हुए अधिकारी दें उन्हें सभी सुविधाएं-उपाध्यक्षा अंजना पंवार
राष्ट्रिय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्षा अंजना पंवार ने कहा कि सफाई कर्मचारियों के प्रति संवेदना रखते हुए अधिकारी उन्हें सभी सुविधाएं देने के लिए प्रयास करें ताकि उनको भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि हम जब तक सफाई कर्मचारियों के बारे में नहीं सोचेंगे तो हम अपने शहरों को कैसे स्मार्ट व साफ-सूथरा बना पाएंगे इसलिए सभी मिलकर प्रयास करें कि सफाई कर्मचारियों की सभी परेशानियों को समझा जाए और उन्हें दूर किया जाए।
सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान व मांगों की पूर्ति के उद्देश्य से मंगलवार को उपाध्यक्षा अंजना पंवार ने लघु सचिवालय में संबंधित कर्मचारियों तथा अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सर्वोच्च पद की शुरुआत स्वच्छ भारत मिशन से की थी, यह करने का उनका यही संदेश था कि हम इस वर्ग का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि आज देश को ऐसे प्रधानमंत्री मिले हैं जो अंतिम पायदान के लोगों की सोचने वाले हैं। इन लोगों को किस प्रकार से विकास की मुख्यïधारा में शामिल करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इनकी समस्याओं को कम करने के लिए कोशिश की जा रही है, जिसके लिए अधिकारियों को ईमानदारी व जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। सफाई कर्मियों की समस्याओं को हलके में न लें, क्योंकि आयोग का गठन ही इनके लिए हुआ है।
बैठक के दौरान उपाध्यक्षा ने पूर्व वर्ष शहर की चिंतपुरनी कॉलोनी की फैक्ट्री में हुई तीन मजदूरों की मौत की एफआईआर को री-ओपन करते हुए दोबारा जांच करने के निर्देश दिए और कहा कि संबंधित फैक्ट्री मालिक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करें ताकि पीडि़त परिवार की सहायता की जा सके। बैठक में मिली शिकायत के आधार पर उपाध्यक्षा ने गांव गढ़ी हकीकत के सफाई कर्मचारियों की पिछले 21 महीनों की तनख्वा देने के अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने एक अन्य केस की सुनवाई करते हुए हलालपुर स्थित प्लाईवुड कंपनी के मालिक पर कार्रवाई करने की निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि सीवरेज की सफाई के लिए केवल मशीनों का प्रयोग किया जाए, अगर इस कार्य में कोई अधिकारी या अन्य व्यक्ति सीवरेज की सफाई के लिए सफाई कर्मचारियों पर दबाव बनाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि एमएस एक्ट 2013 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए है कि अगर किसी सफाई कर्मचारी की मौत अगर सीवरेज या सेफ्टी टैंक की सफाई करते हुए होती है तो सफाई करवाने वाली कंपनी या विभाग पर कार्यवाही की जाएगी और पीडि़त परिवार को मुआवजा दिलवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएस एक्ट 2013 के अनुसार वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने मौत होने पर इस मुआवजा राशि को 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 30 लाख रूपये कर दिया है। इसके अलावा अगर इस स्थित में कोई सफाई कर्मचारी गंभीर चोट लगकर दिव्यांग हो जाता है तो उसे 20 लाख रूपये तथा अन्य किसी प्रकार की चोट लगने पर 10 लाख रूपये मुआवजा राशि दी जाएगी।
इस दौरान आयोग की उपाध्यक्षा ने जिला की स्थिति की जानकारी लेते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र मेंं सफाई कर्मियों की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि सफाई कर्मियों को हर महीने वेतन देना सुनिश्चित करें और उनका पीएफ जमा हो रहा है कि नहीं इसका ध्यान रखा जाए। उन्हें मौसमानुसार कपड़े उपलब्ध करवाएं जाएं। इसके अलावा उन्हें कार्य करते समय सेफ्टी कीट पर उपलब्ध हो। इसके अलावा सभी सफाई कर्मचारियों की वर्ष में दो बार स्वास्थ्य जांच की जांच भी करवाएं, जिसमें उनकी ईसीजी, एक्सरे, रक्त जांच आदि सभी टेस्ट किए जाएं। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि सफाई कर्मचारियों के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लिए जागरूक करने हेतु कैंप आयोजित करवाएं जाएं।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त अंकिता चौधरी, नगराधीश रेणुका नांदल, एसडीएम अमित कुमार, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त डॉ० नरेश कुमार, एसीपी अमित धनखड़, डीआरओ हरिओम अत्री, डीडीपीओ जितेन्द्र कुमार, जनस्वास्थ्य विभाग से एक्सईएन नवीन गोयत, उपाध्यक्षा के साथ आए संयोजक मनोज जोगी, अखिल भारतीय वाल्मिीकि महासभा हरियाणा के प्रधान डॉ० विनोद चौहान, रविन्द्र धीमान, गांव गढ़ी हकीकत से जसवंत वाल्मिकी तथा सोनीपत नगर निगम इकाई के प्रधान भारत कंडेरा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण व सफाई कर्मियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।