रोहतक : डमी कस्टमर बनकर पुलिसकर्मियों ने साइबर ठगो का किया पर्दाफाश; 100 खातों से 18 करोड़ बरामद

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रोहतक : डमी कस्टमर बनकर पुलिसकर्मियों ने साइबर ठगो का किया पर्दाफाश; 100 खातों से 18 करोड़ बरामद

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हरियाणा के रोहतक में दो फर्जी कंपनियां संचालित करके घर बैठे पैसा कमाने का लालच देकर देशभर में 35,000 लोगों से ठगी करने वाले तीन आरोपियों को पुलिसकर्मियों ने डमी ग्राहक बनकर गिरफ्तार किया है। रोहतक से गिरफ्तार तीनों आरोपियों को शनिवार साइबर पुलिस ने पंचकूला कोर्ट में पेश किया, जहां से छह दिनों के रिमांड पर भेज दिया गया है।
पुलिस को रोहतक के अलावा बिहार के पटना और राजस्थान के उदयपुर में ठगों के दो दफ्तर मिले हैं। ठगी का पैसा कंपनी के पेमेंट गेटवे से रुपया उदयपुर भेजा जाता था। पुलिस को आरोपियों के 100 बैंक खातों में 18 करोड़ रुपये मिले है। एक आरोपी से एक रिवाल्वर सहित कंपनी के कागजात, बैंको की चेक बुक, लैपटॉप, क्यूआर कोड, सरवर तथा कंप्यूटर सहित कई अन्य सामान मौके से बरामद किए गए।
एडीजीपी साइबर ममता सिंह के मुताबिक बगैर किसी अनुमति के विभिन्न विभागों का कैप्चा तैयार कर रहे थे। जानकारी मिलने पर दो पुलिसकर्मियों को डमी कस्टमर बनाकर उनकी कंपनी के बेवसाइट पर पंजीकृत कराया गया। पूरे मामले की पुष्टि करते हुए कंपनी के रोहतक स्थित शीला बाईपास ऑफिस में शुक्रवार 22 नवंबर को रेड की गई जिसमें सामने आया कि लोगो को घर बैठे पैसा कमाने का प्रलोभन देकर, कंपनी में पंजीकृत होकर, कैप्चा बनाकर और उस कैप्चा को डाटा विदेशी कंपनियों को बेचा जा रहा है, जहां से कंपनी को विदेशी मुद्रा में रुपया लौटाया जाता है।
सूत्रों के अनुसार हाईप्रोफाइल मामले का चाइना या दुबई से भी जुड़े हो सकते है। इसी की आशंका में गृह मंत्रालय की I4C टीम रेड में हरियाणा पुलिस के साथ शामिल थी। इसकी जांच गृह मंत्रालय की टीम के साथ हरियाणा पुलिस भी करने में लगी है। ये साइबर ठग भारत में लोगों से ठगी कर विदेशी कंपनियों को कैप्चा बेचते थे। वहीं ठगी के पैसे हवाला के जरिए दुबई या चाइना भेजने पर भी संदेह है। पुलिस इस एंगल को भी खंगाल रही है। इस मामले में अभी पुलिस को करीब 10 आरोपितों की तलाश है। ये तीनों गुर्गें असली मास्टरमाइंड के निर्देशानुसार लोगों को फंसाकर कैप्चा भरकर घर बैठे पैसा कमाना का झांसा देकर ठगते थे। जबकि इसके पीछे भी विदेश में बैठे सरगना का हाथ उजागर हो सकता है।
आरोपियों की तरफ से बनाई फर्जी कंपनी पीसीएल तथा मनी अर्न 24 पर अभी तक 1,40,000 लोगो की आईडी पंजीकृत मिली हैं। इसी तरह कंपनी के 100 बैंक खाते मिले हैं। इन बैंक खातों में तकरीबन 18 करोड़ रुपये मौजूद मिले है। जबकि आरोपियों द्वारा 30 से 40 करोड़ की ठगी की आशंका में पुलिस की जांच जारी है।
हरियाणा पुलिस ने गृह मंत्रालय की साइबर टीम के साथ मिलकर शुक्रवार को रोहतक में 10 घंटे तक रेड कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। रोहतक निवासी जॉनी व रोहित द्वारा पीसीएल तथा मनी अर्न 24 नामक दो कंपनियां ऑनलाइन माध्यम से चलाई जा रही थी। रोहतक के शीला बाईपास स्थित दफ्तर में जांच के दौरान सामने आया कि आरोपियों द्वारा संचालित चैनल पर 12,000 सब्सक्राइबर भी जुड़ चुके हैं। इस चैनल के जरिए कंपनी का प्रचार प्रसार करके लोगों को फंसाते थे।
सबसे पहले 5000 रुपये की राशि से एक व्यक्ति का अपनी वेबसाइट पर कंपनी रजिस्ट्रेशन करवाती थी। बाद में कंपनी की साइट पर कैप्चा भरवाने पर उन्हें रुपये कमाने का लालच देती थी। कंपनी द्वारा भरवाए हुए कैप्चा को विदेशी कंपनियों को बेचकर डॉलर में मुनाफा कमाया जा रहा था। इसके लिए व्यक्ति को अपने पहचान पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि सहित अन्य जानकारी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड करनी होती थी। इसके बाद व्यक्ति को कंपनी की वेबसाइट पर दिए गए कैप्चा भरने होते थे। एक व्यक्ति एक आईडी से एक दिन में 90 कैप्चा ही भर सकता था। इस प्रकार वह एक महीने में इससे 2700 रुपए घर बैठे कमा सकता था।

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