सोनीपत : ASI ने 11 साल बाद बिछड़ी बेटी को मिलवाया; 2013 में हुई थी लापता
राज्य अपराध शाखा में तैनात ASI राजेश एक परिवार के लिए मसीहा बने हैं। उन्होंने 11 साल पहले लापता हुई लड़की को उनके परिवार से मिलवा दिया है। वर्षों बाद लाडो को पाकर परिजनों के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। परिजनों ने एएसआई राजेश का धन्यवाद किया। एएसआई राजेश कुमार ने बताया कि वह गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए बालग्राम राई में बाल कल्याण अधिकारी से मिले थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में कुंडली बॉर्डर पर एक बालिका बेसहारा हालत में मिली थी, तब से वह हमारे पास रह रही है।
उन्होंने बालिका से परिवार के बारे में पूछताछ की। वीडियो कॉल के माध्यम से काउंसिलिंग करवाई। पूछताछ में बालिका ने अपना, पिता व दादा का नाम बताया। जिसके बाद परिजनों को तलाश शुरू की। बालिका के आधार कार्ड के माध्यम से परिजनों को पता लगाने का प्रयास किया गया। आसपास के राज्यों से गुमशुदा बच्चों का रिकॉर्ड जांचा। जिसमें दिल्ली के नरेला थाना में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट मिली। जिसके बाद नरेला पुलिस से जानकारी प्राप्त कर परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया गया।
कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए एएसआई राजेश नरेला पहुंचे, जहां पता लगा कि परिवार अपना घर बेचकर कहीं चला गया था। एक दुकानदार ने बताया कि परिवार गन्नौर के गांव गुमड़ का रहने वाला है। गुमड़ पहुंचे तो पता लगा कि यहां परिवार को कोई व्यक्ति नहीं रहता। लड़की की मौसी पंजाब के बरनाला में रहती है। वहां संपर्क करने पर पता लगा कि लड़की के पिता का देहांत हो गया था, मां दूसरी शादी कर करनाल में रहती है। जिसके बाद लड़की की मां से संपर्क कर लापता बेटी को परिवार से मिलवाया।
उन्होंने बालिका से परिवार के बारे में पूछताछ की। वीडियो कॉल के माध्यम से काउंसिलिंग करवाई। पूछताछ में बालिका ने अपना, पिता व दादा का नाम बताया। जिसके बाद परिजनों को तलाश शुरू की। बालिका के आधार कार्ड के माध्यम से परिजनों को पता लगाने का प्रयास किया गया। आसपास के राज्यों से गुमशुदा बच्चों का रिकॉर्ड जांचा। जिसमें दिल्ली के नरेला थाना में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट मिली। जिसके बाद नरेला पुलिस से जानकारी प्राप्त कर परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया गया।
कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए एएसआई राजेश नरेला पहुंचे, जहां पता लगा कि परिवार अपना घर बेचकर कहीं चला गया था। एक दुकानदार ने बताया कि परिवार गन्नौर के गांव गुमड़ का रहने वाला है। गुमड़ पहुंचे तो पता लगा कि यहां परिवार को कोई व्यक्ति नहीं रहता। लड़की की मौसी पंजाब के बरनाला में रहती है। वहां संपर्क करने पर पता लगा कि लड़की के पिता का देहांत हो गया था, मां दूसरी शादी कर करनाल में रहती है। जिसके बाद लड़की की मां से संपर्क कर लापता बेटी को परिवार से मिलवाया।