सन्त रविदास ने भूली-भटकी मानवता को दिखाई राह: मोहनलाल बडौली

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली ने कहा कि सन्त शिरोमणि रविदास जी महाराज ने भूली-भटकी मानवता को राह दिखाई थी। उनकी शिक्षा और विचारधारा आज हमारे लिए प्रकाश स्तम्भ के भांति मार्गदर्शन कर रही हैं। उन्होंने समाज के प्रबुद्धजनों से आह्वान किया कि वो युवा पीढ़ी को अच्छे संस्कार दें और उनके समाज व देश उत्थान के लिए अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार करें।
सन्त शिरोमणि रविदास जी महाराज की 648वें प्रकाश पर्व पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहनलाल बडौली ने कहा कि महापुरुषों की जयंतियां मनाने से हमें, विशेषकर हमारी युवा पीढ़ी को उनके जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को जानने व समझने का मौका मिलता है। यही नहीं युवाओं को महापुरुषों के आदर्शों और सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निरन्तर धार्मिक स्थलों के सुनियोजित विकास को सुनिश्चित किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को अपने आराध्य तक पहुंच में कोई कठिनाई न आए। भगवान श्रीराम लला के तिरपाल से भव्य मंदिर में प्रवेश हो या भव्य महाकुंभ का प्रयागराज में आयोजन उनकी सोच और संकल्प को सिद्धि तक लेकर जाने के विशिष्ट उदाहरण हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा सन्त-महात्माओं व महापुरुषों की जयंतियों को सरकारी स्तर पर मनाए जाने की शुरु की गई इस परिपाटी को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आगे बढ़ा रहे है। हमारे देश में समय-समय पर संत महात्माओं, ऋषि-मुनियों और महान गुरुओं ने भूली भटकी मानवता को जीवन का सच्चा रास्ता दिखाया है। ऐसे महापुरुषों में 14वीं शताब्दी में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी भी हुए। इन्होंने समूची मानवता को जीवन का कल्याणकारी रास्ता दिखाया।
श्री बडौली ने कहा कि संत रविदास जी किसी एक जाति या सम्प्रदाय के गुरु नहीं थे। वे पूरी मानव जाति को रास्ता दिखाने वाले व्यक्तित्व थे। उनकी शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए थी। आज भी उनकी शिक्षाएं प्रकाश स्तम्भ की तरह हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं। उन्होंने अपने आचरण और व्यवहार के माध्यम से यह प्रमाणित किया कि मनुष्य अपने जन्म एवं व्यवसाय के आधार पर नहीं, बल्कि समाज हित की भावना से किए काम की वजह से महान बनता है। अगर कोई इंसान ऊंचा उठना चाहे तो वह अपनी कड़ी मेहनत, ईमानदारी, समाज सेवा और प्रभु भक्ति से ही ऊंचा उठ सकता है और महान बन सकता है। उन्होंने मानव सेवा के साथ-साथ कर्म पर उसी तरह बल दिया जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कर्म का अमर संदेश दिया है। उनके दोहे और विचार आज भी हम सभी को सदैव आगे बढ़ने का मार्ग दिखाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी वाणी और शिक्षाएं इतनी प्रासंगिक है कि आज भी हमें राह दिखाती हैं। नेक विचारों और गुणों के कारण ही संत रविदास जी को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जाता है। रविदास जी महाराज ने समाज में समरसता और भाईचारे पर जोर दिया और ऐसा ही हमारे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व की सरकार हरियाणा एक-हरियाणवी एक के मूलमंत्र पर चलते हुए जातिवाद, क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर समाज के हर तबके के विकास के लिए काम कर रही है। आज सरकार गरीब, वंचित और जरूरतमंद के अभिभावक के तौर पर काम कर रही है। हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने समाज के अंतिम छोर पर अंतिम पंक्ति में मौजूद व्यक्ति की परेशानियों को न केवल समझा है, बल्कि उनके स्थाई समाधान के लिए काम किया है। उन्होंने समाज के प्रबुद्धजनों से आह्वान किया कि वो युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करें और सन्तों के दिखाए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करें।