Sukhdev Singh Gogamedi: आखिरकार गिरफ्त में आए गोगामेड़ी के हत्यारे, 17 गोलियां मारकर ली थी जान

  1. Home
  2. HARYANA

Sukhdev Singh Gogamedi: आखिरकार गिरफ्त में आए गोगामेड़ी के हत्यारे, 17 गोलियां मारकर ली थी जान

scx


Sukhdev Singh Gogamedi: श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi) की हत्या में शामिल दोनों शूटर्स समेत 3 को राजस्थान पुलिस और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने चंडीगढ़ सेक्टर 22 A के होटल से गिरफ्तार किया है. 

आरोपियों का नाम रोहित राठौर और नितिन फौजी है. जबकि तीसरे का नाम उधम है. उधम वो शख्स है जो फरारी के दौरान इनके साथ था. आरोपियों के पास से मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. 

दिल्ली पुलिस क्राइम तीनों को लेकर दिल्ली पहुंची है. पुलिस की टीम सभी को जयपुर लेकर जाएगी. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पूरी वारदात में कुल 17 बार फायरिंग की गई थी.


शूटर्स ने हत्या करने के बाद हथियारों को छुपा दिया था. ताकि भागते समय ट्रेन या बस में चेकिंग के समय न पकड़े जा सके. आरोपी, पुलिस को उस जगह पर ले जाकर हथियार भी मुहैया करवा सकते हैं. 

आरोपी शूटर्स फरारी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस आरोपियों तक टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पहुंची. जब पुलिस आरोपियों के पास पहुंची तो तीनों साथ थे, जिसके बाद इनको गिरफ्तार किया गया. 

शूटर्स गैंगस्टर रोहित गोदारा के राइट हैंड वीरेंद्र चाहन और दानाराम के सम्पर्क में थे. वीरेंद्र चाहन और दानाराम के इशारे पर हत्या को अंजाम दिया गया था. पुलिस इन दोनों को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है. 

हत्या करने के बाद दोनों शूटर्स वीरेंद्र चाहन और दानाराम से लगातार बात कर रहे थे. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी राजस्थान से हरियाणा के हिसार पहुंचे, हिसार से मनाली गए और मनाली से चंडीगढ़ पहुंचे थे जहां से गिरफ्तारी हुई.


पुलिस से छिपने के लिए आरोपी मनाली पहुंच गए. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक सुखदेव सिंह की हत्या करने के बाद आरोपो सबसे पहले ट्रेन से हिसार गए, हिसार पहुंचकर बस से मनाली के लिए निकल गए. 

उधम के साथ मनाली से मंडी और फिर चंडीगढ़ आ गए. चंडीगढ़ में होटल में रुके जहां से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस के सामने नितिन फौजी ने कबूल किया कि उसका इस्तेमाल राजस्थान के मोस्ट वांटेड और अत्याधुनिक हथियार डीलर रोहित गोदारा और वीरेंद्र चरण द्वारा किया गया था. 

उसने पुलिस को बताया कि 9 नवंबर को उसे फर्जी चोरी के मामले में घसीटा जा रहा था. और जब हरियाणा पुलिस उसे पकड़ने गई तो उसने उन पर फायरिंग कर दी और फिर भाग निकला. 

भागने के बाद फौजी को पता था कि उसकी नौकरी चली जाएगी और परिवार वाले भी उसे स्वीकार नहीं करेंगे. नवंबर के अंतिम सप्ताह में उसका संपर्क गोदारा और चरण के सहयोगी रोनी रापूत से हुआ. 

तीनों ने फौजी से कहा कि अगर वह गोगामेड़ी को मारने में उसकी मदद करेगा तो वे कनाडा के लिए फर्जी पासपोर्ट और वीजा की व्यवस्था कर देंगे. 

सोमवीर नाम का आरोपी, जिसे कल जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उसने रोहित राठौड़ से संपर्क किया. रोहित का गोगामेड़ी से विवाद था. 

रोहित ने नवीन शेखावत को भी अपने साथ जोड़ लिया. हालांकि शेखावत को पूरी योजना की जानकारी नहीं थी. बाद में दोनों डीडवाना भाग गए. फिर वे दारूहेड़ा पहुंचे.

पहला सबूत वहीं से बरामद हुआ था. आरोपी की तस्वीर सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई. राजस्थान पुलिस ने दिल्ली स्पेशल सेल की मदद ली और दोनों के संभावित ठिकानों का पता लगाने के लिए मोनू मानेसर सहित भोंडसी जेल में बंद कुछ कैदियों से पूछताछ की. 

आरोपी सड़क परिवहन के माध्यम से जयपुर से डीडवाना-सुजानगढ़-दारूहेड़ा तक पहुंचे. फिर वे आगे बस से मनाली पहुंचे और वापस चंडीगढ़ के सेक्टर 22 से पकड़े गए.


नितिन फौजी को फर्जी पासपोर्ट और कनाडा में स्थायी निवास का फर्जी प्रस्ताव देकर लालच दिया गया था. रोहित ने गोगामेड़ी से बदला लिया था. गौरतलब है कि गोदारा का गोगामेड़ी से जमीन विवाद को लेकर विवाद चल रहा था.


सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत ने कहा है कि राजस्थान पुलिस पति की हत्या करने वालों का एनकाउंटर कर दे. 

उन्होंने कहा कि अगर एक आवाज लगा दी तो हालात खराब हो जाएंगे. इसलिए 72 घंटों में आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया जाए, नहीं तो पूरे देश में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

बीते दिनों शीला शेखावत ने बातचीत में कहा था कि एक शेर को धोखे से घर में घुसकर मारा है. हमें इसका इंसाफ चाहिए. अपराधियों का एनकाउंटर होना चाहिए, इसके अलावा मेरी कोई मांग ही नहीं है. मेरी पहली और आखिरी मांग एनकाउंटर ही है. 

अगर हमारी मांगें सुनी जाती हैं तो ठीक है, वर्ना अपने तरीके से समझाना हमें भी आता है. पहले मेरे पति ने समझाया था, अब मैं समझाऊंगी. शीला ने कहा कि हमने कई बार प्रशासन को बताया था कि हमारे पति को खतरा है. धमकियां दी जाती थीं, कई बार लेटर जारी किए जाते थे.

शीला शेखावत ने कहा कि मैंने कई बार प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी. सुरक्षा की मांग को लेकर हमने साल 2016 में आंदोलन भी किए थे, लेकिन इसके बावजूद सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. 

इस मामले में सरकार ने सरासर अनदेखी की है. सरकार की ओर से अगर हमें सुरक्षा मिल गई होती तो ये इतना पड़ा कांड नहीं होता. शीला ने कहा का राजनीति का तो मुझे नहीं पता, लेकिन ये जो षड्यंत्र है, इसमें बड़े बड़े लोग शामिल हैं. जिस दिन इस मामले का चिट्ठा खुलेगा, उस दिन सब सामने आ जाएगा. 

शीला शेखावत ने कहा कि अब तक मेरे पति सुखदेव सिंह श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के माध्यम से गरीबों का साथ देते थे, अब मैं लोगों के साथ करणी सेना के माध्यम से उनके सुख दुख में खड़ी रहूंगी. बता दें कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसकी जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे रोहित गोदारा ने ली. हत्या के आरोपी रोहित राठौर और नितिन फौजी सुखदेव सिंह के घर पहुंचे थे. 

रोहित राठौर राजस्थान के अलवर का रहने वाला है, जबकि, नितिन फौजी हरियाणा के महेंद्रगढ़ का निवासी है. नितिन सेना में सिपाही है. उसकी पोस्टिंग राजस्थान के अलवर में है. 8 नवंबर को वह दो दिन की छुट्टी लेकर घर पहुंचा था, लेकिन इसके बाद उसने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की.

2017 में जयगढ़ में फिल्म पद्मावत की शूटिंग हो रही थी, उस वक्त राजपूत करणी सेना के लोगों ने काफी विरोध किया था. गोगामेड़ी फिल्म पद्मावत और गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर मामले के बाद राजस्थान में हुए विरोध प्रदर्शन के चलते सुर्खियों में आए थे. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे.

करणी सेना का गठन 2006 में हुआ था. लोकेंद्र सिंह कालवी ने एक अलग संगठन राजपूत करणी सेना बनाया. साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में कालवी और गोगामेड़ी के बीच विवाद हो गया. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से एक अलग संगठन बनाया था. 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Around The Web

Uttar Pradesh

National