गोहाना : रोड पर मिली खून की खाली थैलियां खानपुर मेडिकल में इस्तेमाल हुई थी; कर्मचारी ने फेंकी रोड पर
गांव गुढ़ा के पास रोड पर मिली खून की खाली थैलियां गांव खानपुर कलां स्थित भगत फूल सिंह राजकीय महिला मेडिकल कालेज के रक्त बैंक में इस्तेमाल की गई थीं। खाली थैलियों को सामान्य कचरा उठाने वाली गाड़ी में डाला गया था। कचरे की गाड़ी से थैलियां से भरा बैग रोड पर गिर गया था। एसडीसीओ राकेश दहिया ने अपनी टीम के साथ मेडिकल कालेज में पहुंचकर जांच की। जांच में सामने आया कि यहां से खून की 78 खाली थैलियां वायोमेडिकल वेस्ट उठाने वाली गाड़ी की जगह सामान्य कचरा उठाने वाली गाड़ी में डाली गईं। पहले खून के सभी जरूरी कंपोनेंट निकाले जा चुके थे। लापरवाही किस स्तर पर हुई इसकी जांच की जाएगी।
गांव गुढ़ा के निकट रविवार शाम को रोड पर खून की खाली थैलियां पड़ी मिली थी। नागरिक अस्पताल गोहाना से एसएमओ डा. संजय छिक्कारा की टीम ने मौके पर पहुंचकर थैलियों को कब्जे में लिया था। थैलियां मित्रा कंपनी की थी, जिसे आगे रक्त बैंक को जारी किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैच नंबर के आधार पर जानकारी जुटाई। ये थैलियां कंपनी द्वारा बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज के अस्पताल को जारी की गई थीं। सोमवार को एसडीसीओ राकेश दहिया की टीम मेडिकल कालेज में जांच के लिए पहुंची। टीम ने पूरा दिन वहां पर रिकार्ड को खंगाला। जांच में सामने आया कि ब्लड यूनिट की थैलियों में 13 नवंबर को खून लिया गया था। इसके बाद अस्पताल के रक्त बैंक में खून के सभी जरूरी कंपोनेंट निकालकर उनको स्टोर कर लिया गया। जांच में पता चला कि 78 थैलियों से खून के कंपोनेंट निकाले गए। उसके बाद खाली थैलियों को कचरे में डाल दिया गया। यहां से इस बायोमेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरा उठाने वाली गाड़ी में डाला गया। सामान्य कचरे उठाने वाली गाड़ी गुढ़ा मार्ग से होते हुए इसी गांव में नगर परिषद के डंपिंग प्वाइंट पर जा रही थी। रास्ते में गाड़ी से खून की खाली थैलियों से भरा बैग रोड पर गिर गया था। दहिया के अनुसार जांच में रक्त बैंक का रिकार्ड ठीक पाया गया है। बायोमेडिकल वेस्ट उठाने में किस स्तर पर लापरवाही हुई इसकी जांच कराई जाएगी।
गांव गुढ़ा के निकट रविवार शाम को रोड पर खून की खाली थैलियां पड़ी मिली थी। नागरिक अस्पताल गोहाना से एसएमओ डा. संजय छिक्कारा की टीम ने मौके पर पहुंचकर थैलियों को कब्जे में लिया था। थैलियां मित्रा कंपनी की थी, जिसे आगे रक्त बैंक को जारी किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैच नंबर के आधार पर जानकारी जुटाई। ये थैलियां कंपनी द्वारा बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज के अस्पताल को जारी की गई थीं। सोमवार को एसडीसीओ राकेश दहिया की टीम मेडिकल कालेज में जांच के लिए पहुंची। टीम ने पूरा दिन वहां पर रिकार्ड को खंगाला। जांच में सामने आया कि ब्लड यूनिट की थैलियों में 13 नवंबर को खून लिया गया था। इसके बाद अस्पताल के रक्त बैंक में खून के सभी जरूरी कंपोनेंट निकालकर उनको स्टोर कर लिया गया। जांच में पता चला कि 78 थैलियों से खून के कंपोनेंट निकाले गए। उसके बाद खाली थैलियों को कचरे में डाल दिया गया। यहां से इस बायोमेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरा उठाने वाली गाड़ी में डाला गया। सामान्य कचरे उठाने वाली गाड़ी गुढ़ा मार्ग से होते हुए इसी गांव में नगर परिषद के डंपिंग प्वाइंट पर जा रही थी। रास्ते में गाड़ी से खून की खाली थैलियों से भरा बैग रोड पर गिर गया था। दहिया के अनुसार जांच में रक्त बैंक का रिकार्ड ठीक पाया गया है। बायोमेडिकल वेस्ट उठाने में किस स्तर पर लापरवाही हुई इसकी जांच कराई जाएगी।