हिसार : सिविल अस्पताल में बंद पड़े शौचालय; महिलाएं खुले में कर रहीं यूरिन सैंपल
खुले में शौच मुक्ति और स्वच्छता अभियान के सरकारी दावों की सच्चाई जिला नागरिक अस्पताल आते-आते दम तोड़ रही है। शौचालय बंद होने से महिलाएं खुले में यूरिन सैंपल एकत्र करने को मजबूर हैं, और जिम्मेदार आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में महिलाएं सामाजिक मान मर्यादा, शर्म सब को किनारे कर पिछले करीब चार माह से सरकारी सुविधाएं नहीं बल्कि यातना भुगत रही हैं।
अस्पताल परिसर के अंदर बने पांच शौचालय बंद पड़े हैं। इनमें एक स्टाफ शौचालय भी शामिल है। लैब के सामने स्थित महिला शौचालय का इतना बुरा हाल है कि अंदर घुसते ही बदबू से दम घुटने लगता है। ऐसे में महिलाओं को खुले में यूरिन सैंपल एकत्र करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि सीवरेज व्यवस्था ठप है, जबकि इसे दुरुस्त करने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग को बजट भी जारी किया जा चुका है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे।
अस्पताल में सीवरेज लाइन ठप होने से फिलहाल पांच शौचालय बंद हैं। इनमें शामिल दो महिला शौचालयों पर ताला लगा है, जबकि एक बुरी तरह गंदगी से अटा है। लैब के कर्मचारी महिला को यूरिन एकत्र करने के लिए प्लास्टिक की डिब्बी देते हैं। कुछ महिलाएं मुंह पर कपड़ा बांधकर जैसे-तैसे गंदगी भरे शौचालय में चली जाती हैं, लेकिन अन्य पास ही लगे ट्रांसफार्मर के पास जाकर यूरिन एकत्र करती हैं। इस दौरान उन्हें बेहद शर्मिंदगी होती है, परंतु इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। एक महिला शौचालय फर्स्ट फ्लोर पर है, जो बंद है। एक नीचे महिला वार्ड के पास है, वह भी बंद है।
अस्पताल परिसर के अंदर बने पांच शौचालय बंद पड़े हैं। इनमें एक स्टाफ शौचालय भी शामिल है। लैब के सामने स्थित महिला शौचालय का इतना बुरा हाल है कि अंदर घुसते ही बदबू से दम घुटने लगता है। ऐसे में महिलाओं को खुले में यूरिन सैंपल एकत्र करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि सीवरेज व्यवस्था ठप है, जबकि इसे दुरुस्त करने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग को बजट भी जारी किया जा चुका है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे।
अस्पताल में सीवरेज लाइन ठप होने से फिलहाल पांच शौचालय बंद हैं। इनमें शामिल दो महिला शौचालयों पर ताला लगा है, जबकि एक बुरी तरह गंदगी से अटा है। लैब के कर्मचारी महिला को यूरिन एकत्र करने के लिए प्लास्टिक की डिब्बी देते हैं। कुछ महिलाएं मुंह पर कपड़ा बांधकर जैसे-तैसे गंदगी भरे शौचालय में चली जाती हैं, लेकिन अन्य पास ही लगे ट्रांसफार्मर के पास जाकर यूरिन एकत्र करती हैं। इस दौरान उन्हें बेहद शर्मिंदगी होती है, परंतु इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। एक महिला शौचालय फर्स्ट फ्लोर पर है, जो बंद है। एक नीचे महिला वार्ड के पास है, वह भी बंद है।