Viral News: मियाँ -बीवी राजी लेकिन काजी हुए नाराज, निकाह पढ़ाने से किया माना, जानिए क्या थी वजह

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Viral News: मियाँ -बीवी राजी लेकिन काजी हुए नाराज, निकाह पढ़ाने से किया माना, जानिए क्या थी वजह

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Viral News: एक मुस्लिम युवक का निकाह पढ़ाने पहुंचे काजी ने शादी समारोह में कड़ी नाराजगी जताई। जिसके बाद काजी ने दूल्हा-दुल्हन का निकाह पढ़ाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इस तरह का फैशन इस्लामिक रीति रिवाज के खिलाफ है। इसलिए वह यह निकाह नहीं करा सकते। ये सब देख बारात में सन्नाटा छा गया।


माहौल की नजाकत भांपते हुए दूल्हे के पिता और उसके बड़े भाई ने भरी बारात में मौलाना से माफी मांगी। और ऐसा काम भविष्य में ना करने की तौबा की। काफी मान मनौव्वल के बाद भी जब मौलाना निकाह पढ़ने पर नहीं राजी हुआ तो दूल्हा दुलहन को लेकर बिना निकाह के अपने घर चला गया। जिस पर मौलाना लड़की के पिता को गांव से बेदखल करने की तैयारी कर रहा है।

दरसल अमेठी जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के हारीमऊ गांव के मोहम्मद शरीफ की लड़की की शादी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत होनी थी। विवाह की तैयारी धूम धाम से हुई। दूल्हे के साथ बारात दरवाजे पर आ गई। बारात में आया डीजे बाजा निकाह में रोड़ा बन गया। जब इसकी जानकारी निकाह पढ़ने वाले काजी साहब को हुई काजी साहब भड़क गए। उन्होंने निकाह पढ़ने से इनकार कर दिया। यह फरमान सुनते ही बारातियों में सन्नाटा छा गया। काफी प्रयास के बाद भी जब मौलाना साहब निकाह पढ़ने के लिए तैयार नहीं हुए तो दूल्हा बिना निकाह के ही दुल्हन को घर लेकर चला गया।

वहीं लड़की के पिता मोहम्मद शरीफ ने बताया कि यह हाफिज मौलाना लोग पिचाल किए हैं। हम हाफिज मौलाना के पास निकाह पढ़ने को कहने के लिए गए थे। हफीज ने कहा कि डीजे बाजा आएगा तो हम निकाह नहीं पढ़ेंगे। लड़की के पिता ने आगे बताया कि उसके बाद हाफिज ने कहा था कि चाहे डीजे लाइए चाहे जो बजवाइए किसी और को बुलाकर निकाह पढ़ा लीजिएगा। बिना निकाह के लड़की को लड़के के साथ जाने की बात पर उन्होंने कहा कि इसके लिए हाफिज लोग जानें। उन्होंने मुझसे तौबा करवाया और कहा कि दोनों पक्ष ग्यारह ग्यारह हजार जमा करें।

उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या इस्लाम का कानून यही पढ़ाता है कि ₹11000 लेकर के तौबा कराया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे दरवाजे पर आकर यह चार लोग हमारी बेइज्जती किए। हमारी लड़की बिना निकाह के रुखसत हुई है। लगभग 300 बाराती आए थे। बहुत लोग बिना खाए ही चले गए। हमारा भोजन रखा हुआ है। क्या हाफिज लोग हमारा नुकसान और हर्जाना देंगे। उन्होंने आगे कहा कि हमारी लड़की का निकाह इन्होंने नहीं पढ़ा अब हम दोबारा इनको अपने जीवन में कभी बुलाएंगे नहीं।

वही पूरे मामले में हाफिज अब्दुल बासिद ने कहा कि मैं इस गांव के मस्जिद का इमाम हूं मेरा घर भी यहीं पर है। इसके पूर्व मीटिंग हुई थी। अमेठी में इस बात का फैसला हुआ था कि जहां भी डीजे बजेगा, वहां पर निकाह नहीं पढ़ेंगे। यह हराम और शरीयत के खिलाफ है। निकाह को आसान करने के लिए हुक्म दिया गया है कि निकाह को आसान किया जाए। इस बात को लेकर 15 दिन पहले दोनों पार्टी हमारे घर आए थे। उनसे बातचीत के दौरान हमने कहा था कि डीजे बाजा आएगा तो निकाह नहीं पढ़ूंगा।

उन्होंने कहा कि कोई रास्ता और जुगाड़ बताइए। तो मैंने कहा की शरीयत में कोई रास्ता नहीं निकल सकता। बेहतर यह है कि आप वही पैसा खाने-पीने में लगा दीजिए। परसों लोगों ने प्रोग्राम के लिए बुलाया तो हमने कहा कि डीजे आएगा तो हम किसी प्रोग्राम में शरीक नहीं होंगे तो उन्होंने कहा कि डीजे नहीं आएगा। हम लोग आए मिलाद शरीफ पढ़े।

कल तक यह मालूम नहीं था कि डीजे आएगा लेकिन बारात आई तो डीजे भी साथ में आया इसलिए हमने निकाह नहीं पढ़ा। उन्होंने कहा कि नाच गाना डीजे बैंड का प्रतिबंध लगा हुआ है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि छोटे-बड़े सबके लिए मजहब का कानून बना हुआ है। चाहे राजा हो चाहे रंक।

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