गोहाना : गांव सैनीपुरा में निर्माणाधीन मकान में सेफ्टिक टैंक में डूबने से युवा श्रमिक की मौत
गांव सैनीपुरा में निर्माणाधीन मकान में सेफ्टिक टैंक में डूबने से युवा श्रमिक की मौत हो गई। श्रमिक लघुशंका से निवृत्त होने के लिए गया था और पैर फिसल कर टैंक में गिर गया। रविवार को नागरिक अस्पताल गोहाना में शव का पोस्टमार्टम करवाकर स्वजन को सौंपा गया।
पानीपत में उरलाना कलां गांव का अंकित मजदूरी करता था और वह 19 वर्ष का था। वह गांव के राज मिस्त्री सुरेंद्र के साथ गोहाना के गांव सैनीपुरा में निर्माणाधीन मकान में मजदूरी करता था। शनिवार को भी दोनों काम करने पहुंचे। दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे उसने मिस्त्री से लघुशंका से निवृत्त होने की बात कही। वह निर्माणाधीन मकान में ही सेफ्टिक टैंक की तरफ चला गया। टैंक का आधा हिस्सा खुला था। टैंक लगभग सात-आठ फुट गहरा है और उसमें चार-पांच फुट तक पानी भरा हुआ था। पैर फिसल कर अंकित टैंक में पानी में गिर कर डूब गया। काफी देर तक वह वापस नहीं लौटा तो मिस्त्री तलाश करता हुआ टैंक के पास गया। टैंक के पानी में चप्पल तैरती नजर आई और उसने ध्यान से देखा तो अंकित का पैर नजर आया। मिस्त्री ने आवाज देकर आसपास के लोगों को बुलाया और अंकित को टैंक से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। वहां उसे मृत घोषित कर दिया। अंकित अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसके पिता रामफल बीमार रहते हैं और वही घर का खर्च चलाता था।
पानीपत में उरलाना कलां गांव का अंकित मजदूरी करता था और वह 19 वर्ष का था। वह गांव के राज मिस्त्री सुरेंद्र के साथ गोहाना के गांव सैनीपुरा में निर्माणाधीन मकान में मजदूरी करता था। शनिवार को भी दोनों काम करने पहुंचे। दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे उसने मिस्त्री से लघुशंका से निवृत्त होने की बात कही। वह निर्माणाधीन मकान में ही सेफ्टिक टैंक की तरफ चला गया। टैंक का आधा हिस्सा खुला था। टैंक लगभग सात-आठ फुट गहरा है और उसमें चार-पांच फुट तक पानी भरा हुआ था। पैर फिसल कर अंकित टैंक में पानी में गिर कर डूब गया। काफी देर तक वह वापस नहीं लौटा तो मिस्त्री तलाश करता हुआ टैंक के पास गया। टैंक के पानी में चप्पल तैरती नजर आई और उसने ध्यान से देखा तो अंकित का पैर नजर आया। मिस्त्री ने आवाज देकर आसपास के लोगों को बुलाया और अंकित को टैंक से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। वहां उसे मृत घोषित कर दिया। अंकित अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसके पिता रामफल बीमार रहते हैं और वही घर का खर्च चलाता था।