राजस्थान: रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी में नाटक के जरिए व्यक्त किए अपने जज़्बात
K9 Media
पश्चिम बंगाल राज्य की राजधानी कोलकाता के आरजी कर कॉलेज एवं अस्पताल में एक युवा डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले को लेकर देशभर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को सातवें दिन भी जारी रहा। डॉक्टर बलात्कार के सभी आरोपियों के लिए कड़ी सज़ा और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षात्मक कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुरोध पर वेतन हड़ताल भी हुई।
डॉक्टर हर शहर में कैंडललाइट परेड निकाल रहे हैं। बता दें कि डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं| इस बीच राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था भी चरमरा गई है, कई जगहों पर राज्य के अस्पतालों में ऑपरेशन टाल दिए गए हैं| ओपीडी में काम बंद कर दिया गया है | ओपीडी आधी हो रखी है और मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है| विरोध-प्रदर्शन के बीच कोटा के सभी अस्पतालों में ओपीडी बंद है, कोटा के 50 फीसदी रेजिडेंट डॉक्टर काम का बहिष्कार कर रहे हैं| मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सभी सरकारी अस्पतालों में 50 से अधिक वैकल्पिक सर्जरी को स्थगित करना पड़ा। कोटास एमबीएस, जेके लोन, न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एसएसबी और रामपुरा जिला अस्पताल में ओपीडी दर 50 फीसदी तक कम हो गई है| 750 बिस्तरों वाले एमबीएस अस्पताल में सामान्य दिनों में मरीजों की संख्या 3 हजार तक पहुंच जाती थी, हड़ताल के कारण संख्या घटकर 800-1,000 रह गई है| जबकि 492 बिस्तरों वाले न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ओपीडी की संख्या सामान्य दिनों में 4,000 तक होती थी, अब यह केवल 1,000 और 1,200 के बीच है।
इसमें डॉक्टरों की पीड़ा को नाटकीय ढंग से दर्शाया गया
रेजिडेंट डॉ. इशांत बंसल ने कहा, ''हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं.'' डॉक्टरों का भी क्या दोष? जब हम काम पर वापस जाएंगे तो दो दिन में ही सब भूल जाएंगे। आंदोलन का उद्देश्य यह दिखाना है कि डॉक्टरों के साथ कुछ गड़बड़ है। सरकार कोई कठोर कदम नहीं उठा रही है, एक बलात्कारी को बचाने के लिए 3-4,000 लोग डॉक्टरों से लड़ते हैं। हमें इस आज़ादी की आवश्यकता क्यों है? लोग हमें भगवान कहते हैं, हमें भगवान नहीं बनना, हमारे साथ इंसान जैसा व्यवहार करें|
आरडीए के अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने कहा, "आज हम सभी चिकित्सा सहायक लोगों के सामने एक शो रखने आए हैं और लोगों को उन कठिन परिस्थितियों के बारे में शिक्षित करने का प्रयास करते हैं जिनमें डॉक्टर काम करते हैं।" मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि हमारे साथ हुई इस घटना को जल्द से जल्द न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।