हरियाणा : कांग्रसे में नेताओ के बिच चल रहा टकराव, कांग्रसे नेता कुलदीप बिश्नोई दे सकते है पार्टी को झटका
हरियाणा | बिश्नोई अब पार्टी के कार्यक्रमों की भी अनदेखी कर रहे हैं. 4 मई को जब उदय भान और एचपीसीसी के चार कार्यकारी अध्यक्षों ने अपनी नई नौकरी संभाली, तो बिश्नोई चंडीगढ़ में राज्य पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. कांग्रेस कार्य समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य होने के बावजूद, बिश्नोई चिंतन शिविर में भी शामिल नहीं हुए.
बिश्नोई हरियाणा कांग्रेस में एक प्रमुख गैर-जाट नेता हैं, जिसमें हुड्डा, उनके बेटे और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव संचार प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे जाट नेताओं का वर्चस्व है.उदयभान दलित नेता हैं.
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक, बिश्नोई ने 25 अप्रैल को हिसार में समुदाय की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उनके आलोचकों के साथ “राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सामाजिक मतभेद नहीं”.
बिश्नोई एचपीसीसी की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सक्रिय रूप से पैरवी कर रहे थे. वहीं पार्टी के मुताबिक प्रारंभिक विचार के बावजूद उनकी उम्मीदवारी का फैसला नहीं किया गया था. एचपीसीसी के चार नए कार्यकारी अध्यक्षों में उनका नाम भी नहीं था.
कुलदीप बिश्नोई के करीबी सहयोगियों का कहना है वह कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी के साथ बैठक का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘कुलदीप बिश्नोई ने राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा है
एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा एचपीसीसी की नई टीम की घोषणा के तुरंत बाद बिश्नोई ने कहा था कि वह “राहुल गांधी से जवाब मांगने” के बाद अपनी भविष्य की कार्रवाई की घोषणा करेंगे.