हरियाणा : बिजली संकट गहराता जा रहा इसी बीच झज्जर प्लांट की एक यूनिट हुई बंद

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हरियाणा : बिजली संकट गहराता जा रहा इसी बीच झज्जर प्लांट की एक यूनिट हुई बंद

हरियाणा : बिजली संकट गहराता जा रहा इसी बीच झज्जर प्लांट की एक यूनिट हुई बंद


झज्जर । हरियाणा में बिजली संकट लागातार गहराता जा रहा है. सोमवार को झज्जर में महात्मा गांधी पावर स्टेशन की यूनिट नंबर दो बॉयलर में तकनीकी खराबी के कारण बंद हो गई. इस यूनिट से 660 मेगावाट बिजली मिलती है.थर्मल इंजीनियर का कहना है कि यूनिट को दोबारा चालू करने में कम से कम दो से तीन दिन का समय लगेगा.

इधर राज्य की मांग बढ़कर 9372 मेगावाट हो गई है. स्टॉक कम होने से 42.47 लाख यूनिट की कटौती हो रही है. झज्जर प्लांट की यूनिट बंद होने से उपभोक्ताओं को अगले कुछ दिनों तक और बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है. हरियाणा में हिसार के खेदड़ गांव स्थित राजीव गांधी पावर प्लांट की 600 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 2 पहले ही बंद है.

एक महीने में बढ़ी 2611 मेगावाट की मांग

गर्मी के चलते राज्य में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. अकेले अप्रैल माह में ही 2611 मेगावाट बिजली की मांग बढ़ी है. 1 अप्रैल को जहां बिजली की मांग 6805 मेगावाट थी, वह 30 अप्रैल तक रिकॉर्ड 9416 मेगावाट हो गई. गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की खपत भी हुई. 20 अप्रैल से अब तक मांग आठ हजार मेगावाट के आंकड़े को पार कर चुकी है. एक मई को राज्य में मांग 9287 मेगावाट थी और 1824 लाख यूनिट की आपूर्ति की गई थी.

नई बिजली खरीद में भी फंसा पेंच

अभी नई बिजली खरीद में भी पेंच फंसा हुआ है. छत्तीसगढ़ से 350 मेगावाट और मध्य प्रदेश से 150 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए विभाग द्वारा तीन साल का समझौता किया गया है, लेकिन सुनवाई के दौरान एचईआरसी ने इस पर आपत्ति जताई. इसके साथ ही हर साल सिर्फ 7-7 महीने बिजली लेने की इजाजत दी गई है. अब यहां पेंच फंसा हुआ है कि क्या दोनों कंपनियां सात महीने तक हरियाणा को बिजली देने को तैयार होंगी या नहीं. राज्य सरकार इसकी समीक्षा कर रही है.

बिजली मंत्री ने दिया बयान

हरियाणा में गहराते बिजली संकट पर प्रतिक्रिया देते हुए बिजली मंत्री ने कहा है कि दो दिन से बिजली आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है.उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 8300 मेगावाट बिजली की मांग है, जबकि उपलब्ध 7600 मेगावाट बिजली उपलब्ध है. इसमें पानीपत के तीन संयंत्रों में 750 मेगावाट, यमुनानगर संयंत्र में 720 मेगावाट, झज्जर के दो संयंत्रों से 1140 मेगावाट, खेदर में 1200 मेगावाट और केंद्र सरकार से 3000 मेगावाट बिजली मिल रही है. गर्मी में बिजली की खपत करीब 600 मेगावाट बढ़ गई है..

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