हरियाणा : इस गांव की पंचायत ने तैयार की एक ऐसी योजना - बिना यूरिया के खेतों में छाएगी हरियाली

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हरियाणा : इस गांव की पंचायत ने तैयार की एक ऐसी योजना - बिना यूरिया के खेतों में छाएगी हरियाली

हरियाणा : इस गांव की पंचायत ने तैयार की एक ऐसी योजना - बिना यूरिया के खेतों में छाएगी हरियाली


अंबाला । अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला गांव बाड़ा की पंचायत कुछ ऐसा कदम उठाने जा रही है जो न केवल अंबाला बल्कि पूरे प्रदेश की ग्राम पंचायतों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं होगा. अपनी नायाब योजनाओं के जरिए हरियाणा के अलावा आसपास के प्रदेशों में सुर्खियां बटोर रही इस गांव की पंचायत ने इस बार जल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, जो जिलें की सभी 411 पंचायतों के लिए आदर्श साबित होगी.

इस बार ग्राम पंचायत बाड़ा ने जीरो वेस्ट वाटर प्रोजेक्ट की योजना बनाई है. इस योजना के सिरे चढ़ते ही गांव को न केवल गंदे जल की परेशानी से निजात मिलेगी बल्कि गांवों में खेती और अन्य कार्यों के लिए मुफ्त में जल की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके साथ ही गांव को ट्यूबवेल मुक्त घोषित कर दिया जाएगा और ऐसा होते ही बाड़ा गांव प्रदेश का पहला ट्यूबवेल मुक्त गांव बन जाएगा.

 क्या है योजना

करीब चौदह सौ की आबादी वाली इस ग्राम पंचायत की सभी गलियां पक्की हो चुकी है और साथ ही करीब 70 फीसदी नालियों को भी कवर किया जा चुका है. इन सबके बावजूद गांव में अभी भी जल निकासी बड़ी समस्या है. गांव के दो हिस्सों में निकासी का पानी जमा होता है. ठहरा हुआ गंदा पानी बीमारियों को तो आमंत्रित करता ही है, साथ ही ग्रामीण बरसाती पानी और घरों से निकलने वाले पानी का भी संरक्षण नहीं कर पा रहे हैं. इन्हीं समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए गांव की सरपंच हरिंदर कौर ने जीरो वेस्ट वाटर प्रोजेक्ट की योजना बनाई है.

क्या हैं जीरो वेस्ट वाटर प्रोजेक्ट

जैसा कि प्रोजेक्ट के नाम से ही पता चलता है कि पानी की हर एक बूंद का बचाव, थोड़े से भी पानी को व्यर्थ नहीं जाने देना. घरों से निकलने वाला पानी और बरसाती पानी के संरक्षण कर इसका इस्तेमाल किया जाएगा. सबसे पहले इस समस्त पानी को एक स्थान पर इकट्ठा करने के लिए टैंक बनाया जाएगा. इसके बाद प्राकृतिक तरीके से चावल के छिलकों की राख का प्रयोग करते हुए इस पानी को साफ किया जाएगा. दूसरे चरण में साफ किए गए पानी में मछलियां पाली जाएंगी और फिर इस पानी का प्रयोग फसलों की सिंचाई के लिए किया जाएगा.

हर घर से निकलने वाले वेस्टेज पानी को एक जगह इकट्ठा करने के लिए ग्राम पंचायत अपने स्तर पर प्रत्येक घर में भूमिगत पाइप लाइन बिछाएगी. इसी तरह खेतों की सिंचाई और बरसाती पानी को इकट्ठा कर टैंक तक पहुंचाने के लिए पाइप लाइन दबाई जाएगी.

जोहड़ से खेतों की सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाया जाएगा. इसी सोलर पंप की मदद से खेतों में फसलों की सिंचाई बिछाई गई पाइप लाइनों के जरिए होगी. जोहड़ के नजदीक वाशिंग सेंटर बनाया जाएगा जिससे ग्रामीणों को वाहन धोने की सुविधा मिलेगी.

फायदे

• खेतों में नाइट्रोजन युक्त पानी मिलने से यूरिया की जरूरत नहीं पड़ेगी.

• पानी की बर्बादी रुकेगी और कम खर्च में अधिक पैदावार मिलेगी.

• गंदे पानी की समस्या से निजात मिलेगी. भूमिगत जल बढ़ेगा.

• मछली पालन से आमदनी होगी. सीधे तौर पर बिजली की बचत होगी.

• योजना सफल रही तो पूरे गांव को ट्यूबवेल मुक्त घोषित कर दिया जाएगा जोकि प्रदेश की अन्य पंचायतों के लिए भी रोल मॉडल होगा.

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