हरियाणा की बेटी अनु नैन ने रचा इतिहास, फतेहाबाद की पहली महिला लेफ्टिनेंट बनीं

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हरियाणा की बेटी अनु नैन ने रचा इतिहास, फतेहाबाद की पहली महिला लेफ्टिनेंट बनीं

हरियाणा की बेटी अनु नैन ने रचा इतिहास, फतेहाबाद की पहली महिला लेफ्टिनेंट बनीं


फतेहाबाद. जिले के गांव गोरखपुर की बेटी अनु नैन ने यूपीएससी द्वारा आयोजित सीडीएस (CDS) परीक्षा में ऑल इंडिया स्तर पर तीसरा रैंक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. इस सफलता के बाद अनु जिला फतेहाबाद (Fatehabad) की पहली महिला लेफ्टिनेंट बन गई हैं. माडूराम आर्य ट्रस्ट गोरखपुर के सचिव एवं रिटायर्ड विंग कमांडर सतपाल नैन की बेटी अनु नैन द्वारा ऑल इंडिया स्तर पर सीडीएस परीक्षा में तीसरा रैंक प्राप्त करने से गांव में भी खुशी का माहौल है.

माडूराम आर्य विद्या प्रसार ट्रस्ट गोरखपुर के प्रधान शमशेर आर्य ने बताया कि यह परीक्षा संपूर्ण भारत में केवल 16 महिला पात्रों के चयन के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग एक लाख प्रतिभागियों ने भाग लिया था. अनु के पिता सतपाल नैन ने बताया कि वह वायु सैनिक के तौर पर भर्ती हुए थे तथा तरक्की करते हुए विंग कमांडर के पद तक पहुंचे. उनकी बेटी के सीधे लेफ्टिनेंट भर्ती होना, उनके लिए बड़े गर्व की बात है.

अनु नैन ने वर्ष 2019 में इंजीनियरिंग की परीक्षा पास करके घर पर ही सीडीएस की तैयारी शुरू कर दी थी. उसकी लग्न एवं मेहनत के बल पर पहली बार में ही लिखित परीक्षा, इंटरव्यू तथा मेडिकल परीक्षा पास कर ली. अनु ने बताया कि उसके माता-पिता का अनुशासित जीवन, गुरुजनों की सख्त गाइडलाइन और वायुसेना के सामाजिक वातावरण के कारण उसको परीक्षा पास करने में सबसे ज्यादा सहयोग मिला.

अनु नैन ने बताया कि उनका भारतीय रक्षा सेना से लगाव अपने नाना महाबीर कुलडिय़ा से हुआ, जिनको वह अक्सर अपनी बंदूक साफ करते हुए देखती थी. सेवानिवृत्त महाबीर कुलडिय़ा का सपना था कि उनकी दोहती अनु नैन लेफ्टिनेंट भर्ती हो तथा उनको वह स्वयं अपने हाथों से स्टार लगाएं. माता उर्मिला नैन के संस्कार और मार्गदर्शन के कारण अनु की हर मंजिल आसान होती चली गई. इसी कारण उनका भाई अतुल नैन भी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में पायलट हैं. अनु नैन ने बताया कि सभी लड़कियां भी सशस्त्र सेनाओं में शामिल होकर अपना भविष्य उज्जवल बना सकती हैं.

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