आईसीएमआर का अध्ययन: कमजोर हो रहा हरियाणा के युवाओं का दिल

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आईसीएमआर का अध्ययन: कमजोर हो रहा हरियाणा के युवाओं का दिल

आईसीएमआर का अध्ययन: कमजोर हो रहा हरियाणा के युवाओं का दिल


आईसीएमआर ने एक अध्ययन किया है, जिसमें हरियाणा के युवाओं से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक हरियाणा के युवाओं का दिल कमजोर हो रहा है। सड़क हादसों के बाद यहां के युवाओं की मौत की दूसरी बड़ी वजह भी दिल के रोग हैं। 15 से 39 वर्ष के उम्र वर्ग में होने वाली 12.5 फीसदी मौतों में से 15.8 में मौत की वजह हृदय रोग ही हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से इंडिया स्टेट लेवल डिजीज बर्डन इनिशिएटिव के तहत अध्ययन में यह सामने आया है

अब 40 साल की उम्र में हो रहीं दिल की बीमारियां
अध्ययन के अनुसार अमूमन 50 वर्ष की उम्र के बाद दिल की बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है। लेकिन बीते एक दशक में यह उम्र घटकर 40 वर्ष हो गई है। कम उम्र में न सिर्फ दिल के रोगी सामने आ रहे हैं, बल्कि मौतें भी हो रही हैं। अध्ययन के मुताबिक 40-69 की उम्र में 40.7 फीसदी मौतों में 35.5 में मरने की वजह हृदय रोग हैं। इस वर्ग में 40 से 49 के उम्र वर्ग के लोग युवावस्था में ही आते हैं। युवावस्था में हृदय रोगों से रहीं मौतें चिंता का विषय हैं। वहीं, 70 से अधिक उम्र वर्ग में 38.5 फीसदी मौतों में हृदय रोगों से मौत का प्रतिशत 34.1 फीसदी है।
 
अध्ययन में मौतों का कारण और उनका प्रतिशत
         कारण                   15 से 39 वर्ष              40 से 69 वर्ष              70 वर्ष से अधिक
सड़क हादसे              16.2                          3.8                                1.1
हृदय रोग                  15.8                         35.3                               34.1
आत्महत्या एवं हिंसा    13                              -                                     -
अन्य                        11.1                          5.1                                 2.5
एचआईवी एवं एड्स     9.5                            6.6                                 3.4
अनजाने में लगी चोट   9.1                            3.6                                 3.6
डायारिया,उष्णकटिबंधीय रोग  8.5                  6 .1                                4.6
कैंसर                             6.9                        14.2                               7.7
डायबिटीज,यूरोजेनिटल,एंडोक्राइन रोग  4.3       7.2                                 4.3
सिरोसिस                     2.9                           2.9                                   -
क्रॉनिक रेस्पिरेटरी          2.6                          13.2                               18.9
उदर एवं पाचन रोग          -                             2.2                                  1.8

युवाओं की जीवनशैली नियमित नहीं है। आठ घंटे की नींद नहीं लेते। तनाव बेहद ज्यादा हो गया है, जिससे छुटकारा पाने के लिए सिगरेट, शराब या अन्य नशे करने लगते हैं, नतीजा हृदय पर असर पड़ता है। खानपान भी सही नहीं है, जिससे आर्टरी ब्लॉकेज कम उम्र में ही होने लगते हैं।
-डॉ. संदीप खासा, कॉडिर्योलॉजिस्ट, उजाला सिग्नेस
 
आजकल युवा संतुलित आहार नहीं लेता है। युवाओं में कम उम्र में ही प्री-डायबिटीज की शिकायतें आने लगी हैं। मानसिक तनाव और शारीरिक गतिविधियों में कमी होने से भी युवाओं के हार्ट अटैक के मामलों मे बढ़ोतरी हुई है। शराब और तंबाकू का सेवन भी इसकी बड़ी वजह है।
-डॉ. नवीन भामरी, निदेशक एवं एचओडी, इंटरवेंशनल कॉर्डियोलॉजिस्टी, मैक्स

युवाओं की जीवनशैली नियमित नहीं है। आठ घंटे की नींद नहीं लेते। तनाव बेहद ज्यादा हो गया है, जिससे छुटकारा पाने के लिए सिगरेट, शराब या अन्य नशे करने लगते हैं, नतीजा हृदय पर असर पड़ता है। खानपान भी सही नहीं है, जिससे आर्टरी ब्लॉकेज कम उम्र में ही होने लगते हैं।
-डॉ. संदीप खासा, कॉडिर्योलॉजिस्ट, उजाला सिग्नेस
 
आजकल युवा संतुलित आहार नहीं लेता है। युवाओं में कम उम्र में ही प्री-डायबिटीज की शिकायतें आने लगी हैं। मानसिक तनाव और शारीरिक गतिविधियों में कमी होने से भी युवाओं के हार्ट अटैक के मामलों मे बढ़ोतरी हुई है। शराब और तंबाकू का सेवन भी इसकी बड़ी वजह है।
-डॉ. नवीन भामरी, निदेशक एवं एचओडी, इंटरवेंशनल कॉर्डियोलॉजिस्टी, मैक्स

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