Janmashtami Special ,इस दिन क्यों फोड़ी जाती है दही हांडी और क्यों किया जाता है उपवास?

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Janmashtami Special ,इस दिन क्यों फोड़ी जाती है दही हांडी और क्यों किया जाता है उपवास?

Janmashtami Special ,इस दिन क्यों फोड़ी जाती है दही हांडी और क्यों किया जाता है उपवास?


जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) उत्सव से कई परंपराएं जुड़ी हैं, जैसे इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखा जाता है और रात में दही हांड़ी फोड़ी जाती है। इन परंपराओं के पीछे धार्मिक और मनोवैज्ञानिक तथ्य छिपे हैं। इन तथ्यों का हमारे जीवन का गहरा जुड़ाव भी है। 

क्यों फोड़ते हैं दही हांडी?

- श्रीकृष्ण के माखन और दही चुराकर खाने और सभी को बांटने के पीछे लाइफ मैनेजमेंट के कई सूत्र छिपे हैं। माखन एक तरह से धन का प्रतीक है।
- जब हमारे पास आवश्यकता से अधिक धन हो जाता है तो उसे हम संचित करते हैं। जबकि होना ये चाहिए कि धन अधिक होने पर पहले उसका कुछ भाग जरूरतमंदों को दान करें।
- श्रीकृष्ण माखन चुराकर पहले अपने उन मित्रों को खिलाते थे जो निर्धन थे। श्रीकृष्ण कहते हैं कि यदि आपके पास कोई वस्तु आवश्यकता से अधिक है तो पहले उसका दान करो, बाद में उसका संचय करो।
- माखन और दही खाने से जुड़ा एक अन्य लाइफ मैनेजमेंट ये भी है कि बाल्यकाल में बच्चों को सही पोषण मिलना अति आवश्यक है। दूध, दही, माखन आदि चीजें खाने से बचपन से ही बच्चों का शरीर सुदृढ़ रहता है और वे आजीवन तंदुरुस्त बने रहते हैं।

क्यों करते हैं उपवास?
- अष्टमी तिथि को जया तिथि भी कहते हैं, यानी जीत दिलाने वाली तिथि। इस दिन उपवास के साथ भगवान की पूजा करने से सभी कामों में जीत मिलती है।
- अष्टमी तिथि के स्वामी शिव हैं और इस दिन भगवान विष्णु ने अवतार लिया। ये एक साथ दो प्रमुख देवताओं की पूजा का दिन है।
- निराहार या सिर्फ फलाहार पर रहने से शरीर की शुद्धि होती है, अन्न नहीं खाने से उपवास के दौरान सांसारिक विचार मन में नहीं आते हैं और मन भगवान में लगा रहता है।
- भगवान श्रीकृष्ण के ज्ञान को अपने जीवन में उतारना। कोई भी ज्ञान बिना खुद को शुद्ध किए पाना संभव नहीं है, इसलिए इस दिन ना केवल अन्न का त्याग करना चाहिए, बल्कि असत्य, भौतिक सुख और हिंसा जैसे भावों से भी परहेज करना चाहिए।

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