अधिकारियों ने लगाया सरकार के अन्नपूर्णा उत्सव पर बट्टा , सिर्फ़ ब्रैंडिंग के सहारे सरकार
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को सरकार द्वारा राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस योजना के तहत को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में राशन डिपो पर अनाज भेजा गया था। बृहस्पतिवार को गांव कथूरा में राशन डिपो पर पर फफंूदी लगा गेहूं बांटने पर उपभोक्ता भड़क उठे। प्रदर्शनकारियों ने उन बैगों को भी जला दिया, जिनमें गेहूं दिया गया। ग्रामीणों द्वारा आपत्ति जताए जाने पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी जांच के लिए मौके पर पहुंचे और डिपो अच्छी गुणवत्ता का गेहूं भेजने का आश्वासन दिया।
बुधवार से दो दिवसीय अन्नपूर्णा उत्सव शुरू हुआ था। प्रशासनिक अधिकारियों और भाजपा नेताओं द्वारा अन्नपूर्णा उत्सव के तहत गोहाना में अनाज वितरण का काम शुरू किया गया था। इस योजना के तहत सरकार द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित राशन डिपो पर अनाज भेजा गया। गांव कथूरा के ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में डिपो पर खराब गेहूं भेज दिया गया। बृहस्पतिवार को जब योजना के लाभार्थियों गेहूं वितरित किया गया तो उनका माथा ठनक गया और काफी ग्रामीण रोशन डिपो पर पहुंच गए। राष्ट्रीय किसान-मजदूर महासंघ की युवा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष अक्षय नरवाल ने बताया कि गांव के राशन डिपो पर गेहूं के करीब 180 कट्टे भेजे गए थे। इनमें से करीब 10 कट्टे खोले गए तो उनमें खराब गेहूं मिला। उन्होंने कहा कि अगर और कट्टे खोले जाते तो उनमें भी खराब गेहूं मिलता। ग्रामीण रोहतास, राजू और सतपाल ने बताया कि डिपो पर भेजे गए गेहूं में फफूंदी लगी हुई थी। गेहूं का रंग भी काला पड़ा हुआ था। डा. दलबीर, रोहित और मोनू ने कहा कि राशन डिपो पर जो गेहूं भेजा गया था वह खाने के योग्य नहीं था। ऐसे गेहूं को मनुष्य तो क्या पशु भी न खाएं। सूचना मिलने पर विभाग के डीएफसी सुरेंद्र अरोड़ा अधिकारियों के साथ पहुंचे। उन्होंने जांच का आश्वासन दिया। अरोड़ा ने कहा कि जिन लोगों को खराब गेहूं मिला है उनको साफ दूसरा गेहूं मिलेगा।