कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का बड़ा कदम, अब PHD में साल में एक बार नहीं तीन बार होंगे Admission

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कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का बड़ा कदम, अब PHD में साल में एक बार नहीं तीन बार होंगे Admission

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का बड़ा कदम, अब PHD में साल में एक बार नहीं तीन बार होंगे Admission


कुरुक्षेत्र | कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पार्ट टाइम पीएचडी करने का मौका देने के साथ- साथ पीएचडी आर्डिनेंस में कई तरह के बदलाव किए हैं. इन बदलावों के लागू होते ही कुवि के सभी विभागों में पीएचडी की सीटें बढ़ जाएंगी और इसके साथ अब कहीं पर भी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को पीएचडी करने का विकल्प मिलेगा.

पीएचडी के नए आर्डिनेंस पार्ट टाइम शोधार्थियों के लिए नई तरह का कोर्स वर्क डिजाइन किया गया है. इसमें कोर्स वर्क छह माह का होने की बजाय घंटों के हिसाब से मान्य किया जाएगा. इतना ही नहीं पीएचडी में एडमिशन भी साल में एक बार की बजाय तीन बार किए जा सकेंगे. इसके साथ ही एसिस्टेंट प्रोफेसर को चार, एसोसिएट प्रोफेसर को छह और प्रोफेसर में आठ पीएचडी करवाने के लिए सौ फीसदी सीटों पर दाखिला कर सकेंगे. इससे पहले पुराने आर्डिनेंस के अनुसार 25 फीसदी सीटों को होल्ड पर रखा जाता था

पीएचडी के लिए जारी किए गए नए आर्डिनेंस में शोधार्थी को कई तरह की सुविधा दी गई हैं. पहले जहां शोधार्थी को छह माह का कोर्स करना जरूरी होता था लेकिन अब इस कोर्स वर्क को पार्ट टाइम के हिसाब से डिजाइन करते हुए कोर्स वर्क घंटों के हिसाब से लागू किया गया है. इसी तरह पहले साल भर में जहां एक बार ही पीएचडी में एडमिशन होते थे तो वही अब तीन बार एडमिशन हो सकेंगे

 उप निदेशक डा. दीपक राय बब्बर ने बताया कि कुलपति के निर्देशानुसार पीएचडी आर्डिनेंस में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. अब कोई नौकरी पेशा शोधार्थी भी अपनी पीएचडी पूरी कर सकता है. इसके अलावा और भी कई बदलाव किए गए हैं. इन बदलावों के लागू होने के बाद कुवि शोध के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा

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