सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे विद्यार्थी
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा शुक्रवार को इस बात का एलान किया गया था कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित शेड्यूल के अनुसार ही आयोजित की जाएंगी। सीबीएसई के इस फैसले के विरोध में विद्यार्थी अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करने जा रहे हैं।
ऐसे समझें पूरा मामला
बता दें देश में कोरोना वायरस के वर्तमान हालातों को देखते हुए कक्षा 10वीं और 12वीं के तकरीबन एक लाख विद्यार्थियों ने पेटीशन पर हस्ताक्षर कर सरकार से मई में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने या ऑनलाइन आयोजित करने की मांग की थी। इसके साथ ही देशभर के परीक्षार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों ने मिलकर ट्विटर पर हैशटैग ‘कैंसल बोर्ड एग्जाम्स 2021’ को ट्रेंड कराया था। लेकिन सीबीएसई ने इन दोनों मांगों को खारिज करते हुए तय वक्त पर ही दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला सुनाया।
परीक्षा केंद्रों की संख्या में 2500 से भी ज्यादा की बढ़ोतरी
सीबीएसई ने कहा कि परीक्षार्थियों की सुरक्षा के लिए इस साल परीक्षा केंद्रों की संख्या में भी 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जाएगी। अभी तक दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए पिछले साल के मुकाबले 2500 से ज्यादा परीक्षा केंद्रों को चिन्हित किया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि इस साल करीब 7,500 परीक्षा केंद्रों पर दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं होंगी।