सर, आपने कितनी बार प्यार किया है?: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से कांग्रेस सांसद

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सर, आपने कितनी बार प्यार किया है?: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से कांग्रेस सांसद

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तीखे शब्दों के बाण… तंज… यहां तक कि गाली गलौच भी. देश के संसद भवन में ये नजारे अक्सर हमें देखने को मिलते रहते हैं. कई बार नौबत मारपीट तक भी आ जाती है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि वेलेंटाइन डे के चलते लोकतंत्र के मंदिर का मौसम भी थोड़ा गुलाबी हो चला है. यहां की आबोहवा में भी प्यार के शब्द सुनाई देने लगे हैं. राजस्थान से कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बयान को संसद की कार्यवाही से हटाने की बात को सदन में उठाया. इसी दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कहा, जिसके बाद राज्यसभा में ठहाके गूंजने लगे. 

मल्लिकार्जुन खरगे के कुछ शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने पर प्रमोद तिवारी द्वारा प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाने के दौरान हुई चर्चा में प्रमोद तिवारी ने कहा कि खरगे ने आपके प्यार में शेरो-शायरी कर दी. जवाब में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मेरे समझ में नहीं आ रहा है कि शेर और शायरी प्यार मोहब्बत से होती है या प्यार मोहब्बत की वजह से शेरो-शायरी होती है.” उसके बाद प्रमोद तिवारी ने पूछा, “सर आपने कितनी बार प्यार किया है… ये बता दें मुझे. अगर सही में कोई प्यार आपको याद आ जाए तो उसमें शायरी तो अपने आप ही हो जाती है. और आपसे सब प्यार करते हैं इसलिए LOP की शायरी हो गई सर. प्यार में तो ऐसे ही होता है सर.” महोदय आपको पहली बार प्यार कब हुआ जिसका जवाब सभापति ने नहीं दिया बस मुस्करा दिए. राज्यसभा के सभापति को उपराष्ट्रपति भी कहते हैं.

खरगे की माफी पर अड़ी बीजेपी

बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में बीजेपी राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे की माफी पर अड़ी रही. पीयूष गोयल ने कहा कि जब तक खरगे कल के कांग्रेस सदस्यों के व्यवहार (PM स्पीच के दौरान नारे लगाने) माफी नहीं मांगते तब तक खरगे को नहीं बोलने देंगे.

हुआ भी यही जब जब खरगे बोलने उठे, सत्ता पक्ष के सदस्य मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे. खरगे ने इसके बाद कहा कि आपने नेता सदन को बोलने दिया. मेरे समय हंगामा हो रहा है. इसके बाद कांग्रेस सदस्य लगातार JPC जांच की मांग उठाते रहे और नारे लगाते रहे.

खरगे ने कल सभापति को लिखी थी चिट्ठी

इससे पहले खरगे ने कल सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर कहा कि सदस्यों को सदन के भीतर अपनी बात रखने का संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने यह भी कहा, “ऐसी कोई परंपरा और प्रावधान नहीं है कि सदन के भीतर दिए गए वक्तव्य में की गई बातों को सत्यापित किया जाए. सदन का कोई निर्देश या नियम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी पलट नहीं सकता.”

खरगे ने यह भी कहा कि उनकी ओर से की गई किसी भी बात में कोई व्यक्तिगत आक्षेप नहीं किया गया. उन्होंने कहा, “मैं आपसे आग्रह करता हूं कि सदन के नियमों के प्रावधानों और परंपराओं को देखें और सदन के भीतर सदस्यों के अधिकारों एवं विशेषाधिकारों की रक्षा करें.” उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग ले रहे नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अडानी ग्रुप से जुड़े मामले को लेकर कुछ आरोप लगाए थे.

इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने खरगे से कहा था कि वह ऐसा आरोप नहीं लगाएं जिसे वह सत्यापित नहीं कर सकते. धनखड़ ने कहा था कि सदन में किसी को भी, किसी भी तरह के आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

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