हरियाणा : सोनीपत की लड़की बनी सिविल जज; महिलाओ के लिए बनी प्रेरणा
हरियाणा के सोनीपत के सीआरपीएफ कैंप में रहने वाले कॉन्स्टेबल सुरेंद्र की बेटी आंचल वालिया ने हरियाणा में हुई सिविल जज की परीक्षा में तीसरा रैंक हासिल किया। इससे पहले वह सरकारी वकील बनना चाहती थी, इंटरव्यू भी दिया, लेकिन क्लियर नहीं कर सकी। इससे उसका मनोबल टूटा, लेकिन परिवार ने हौसला बढ़ाया तो जज बनने की तैयारी में लग गई। अब बेटी के जज बनने पर परिवार में खुशी की लहर है।
आंचल वालिया सोनीपत के वेस्ट रामनगर में रहती है। उसके पिता सुरेंद्र CRPF में कॉन्स्टेबल हैं। आंचल ने सिविल जज कम ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रिजर्व कैटेगरी में तीसरा स्थान हासिल किया है। उसने बताया कि हर रोज 7 से 8 घंटे पढ़ाई करके उसने अपने मुकाम को हासिल किया है। आंचल ने सोनीपत के साउथ पाइंट स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद गुरु गोविंद इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी दिल्ली से बीए एलएलबी किया।
उसके बाद इंटर्नशिप करने के लिए सोनीपत की कोर्ट में जाना शुरू किया। जहां महिला जजों को देखकर आंचल वालिया ने अपना लक्ष्य निर्धारित किया और दिन-रात एक करते हुए जज बनने की ठान ली। माता-पिता और बहनों ने भी उनके लक्ष्य को पूरा करने में पूरी मदद की। आंचल वालिया ने हरियाणा ज्यूडिशियरी के लिए मार्च 2024 में प्री एग्जाम दिया था और उसके बाद जुलाई में मेंस के लिए एग्जाम दिया। सितंबर में इंटरव्यू क्लियर होने के बाद उनका परिणाम 15 अक्टूबर को आया।
आंचल वालिया की मां संगीता ने बताया कि रिजल्ट आने के बाद कई दिन तक आंचल को विश्वास नहीं हुआ और एक सपना की तरह अपने रिजल्ट को देखते रही। आंचल वालिया के पिता सुरेंद्र कुमार बतौर जीडी सीआरपीएफ कैंप 143 बटालियन मणिपुर में पोस्टेड हैं। मणिपुर में होने के कारण उनकी बेटी को खुशी के इस लम्हे को अपने पिता के साथ न मनाने का मलाल भी है। पिता के संघर्ष ने एक बेटी को जज बना दिया तो उनकी दो और बेटियां भी अब लगातार वकालत की पढ़ाई कर रही हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि सबसे पहले महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ मामलों में तुरंत प्रभाव से सुनवाई करते हुए कार्रवाई भी की जाएगी। वही मामलों में बिना किसी देरी से उन्हें निपटारा करने के लिए भी प्रतिबद्ध रहेगी।