सहारनपुर : 56 साल बाद गांव फतेहपुर में पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर, 1968 में हुआ था प्लेन क्रेश

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सहारनपुर : 56 साल बाद गांव फतेहपुर में पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर, 1968 में हुआ था प्लेन क्रेश

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भारतीय सेना के डोगरा स्काउट्स और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू की एक जॉइंट टीम को सोमवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे पर 4 भारतीय जवानों के शव मिले हैं। बैच नंबर से मलखान सिंह की पहचान हुई। मलखान सिंह का गांव सहारनपुर से 30 किलोमीटर दूर फतेहपुर गांव में है।
मलखान के अलावा 2 शवों की पहचान सिपाही नारायण सिंह और क्रॉफ्टमैन थॉमस चरण के रूप में हुई। चौथे शव की पहचान अभी नहीं हो पाई है। जो विमान हादसे का शिकार हुआ वह ट्विन इंजन एएन-12 टर्बोप्रॉप ट्रांसपोर्ट विमान था। इससे पहले, इस हादसे से जुड़े 2019 तक 5 शव बरामद किए गए थे। प्लेन का मलबा 2003 में मिला था।
रक्षा मंत्रालय की ओर से मलखान सिंह का पार्थिव शरीर वायु सेना के जवान लेकर आए। आसपास के कई गांवों के करीब एक हजार लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हैं। मलखान सिंह अमर रहें... भारत माता की जय के नारे लग रहे हैं। देशभक्ति गीतों से माहौल गमगीन है।
विमान लापता होने के बाद 2003 में इसका मलबा रोहतांग में मिला, फिर डोगरा स्काउट्स के नेतृत्व में रेस्क्यू शुरू किया गया। रेस्क्यू अभी भी जारी है। इसे देश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन कहा जाता है। अब इसमें भारतीय सेना को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मलखान के गायब होने के बाद उनके पिता, मां और पत्नी समेत परिवार के लोग आस लगाए बैठे थे।
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