Women Reservation Bill: जानिए क्या है महिला आरक्षण बिल , कैसे होंगे एक ही सीट पर दो सांसद
Women Reservation Bill: महिला आरक्षण को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा दांव चला है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इस बिल में 180 सीटों पर दो-दो सांसद चुने जाने का प्रस्ताव दिया है यानी इन सीटों पर महिला सांसद के साथ-साथ एक अन्य सांसद भी होगा। सूत्रों के मुताबिक, महिला आरक्षण चक्रीय आधार पर होगा यानी एक चुनाव में एक तिहाई सीट और उसके बाद दूसरी सीटें यानी यही क्रम जारी रहेगा। शुरुआत में लोकसभा की 180 सीटों पर दोहरी सदस्यता होगी। इनमें एससी/एसटी की एक तिहाई सीटें समुदायों के सदस्यों के लिए आरक्षित होंगी।
जानकारी के मुताबिक, 2027 में परिसीमन के बाद सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी और उसके बाद एकल सदस्यता लागू कर दिया जाएगा। अभी अनुसूचित जाति (SC) के लिए 84 और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं।
मोदी कैबिनेट ने बीते सोमवार को ही महिला आरक्षण बिल मंजूरी दी थी। इस बिल को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। जानकारी के मुताबिक, इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आज ही संसद के निचले सदन लोकसभा में पेश करेंगे।
27 सालों से पेंडिंग है बिल
करीब 27 सालों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अब संसद के पटल पर आएगा। आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है। इस मुद्दे पर आखिरी बार कदम 2010 में उठाया गया था, जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच बिल पास कर दिया था और मार्शलों ने कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था, जिन्होंने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का विरोध किया था। हालांकि यह विधेयक रद्द हो गया क्योंकि लोकसभा से पारित नहीं हो सका था
लोकसभा में 14 फीसदी महिला सांसद
वर्तमान स्थिति की बात करें तो लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गईं, जो कुल संख्या 543 के 15 प्रतिशत से भी कम हैं। बीते साल दिसंबर में सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 14 प्रतिशत है। इसके अलावा 10 राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है, इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी शामिल हैं।
BJP और कांग्रेस दोनों का समर्थन
बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने हमेशा इसका समर्थन किया। हालांकि कुछ अन्य दलों ने महिला कोटा के भीतर ओबीसी आरक्षण की कुछ मांगों को लेकर इसका विरोध किया। अब एक बार फिर कई दलों ने इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने और पारित करने की जोरदार वकालत की और अब सरकार इस बिल को संसद में पेश करने वाली है।