पानीपत अगले महीने से नहीं मिलेगा पीने का पानी, हो गई पानी की किल्लत

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पानीपत अगले महीने से नहीं मिलेगा पीने का पानी, हो गई पानी की किल्लत

पानीपत अगले महीने से नहीं मिलेगा पीने का पानी, हो गई पानी की किल्लत


K9Media

Panipat:

शहरवासियों के लिए चिंता भरी खबर है। ठीक एक माह बाद से पुुुुराने शहर के 16 वार्डों की 80 कॉलेनियों में पीने के पानी की सप्लाई और सीवरेज मेंटनेंस की सुविधा बंद होने जा रही है। इसके पीछे वजह यह है कि पब्ल्कि हेल्थ की ओर से दिया गया तीन साल का टेंडर सितंबर में पूरा हो रहा है। अब पब्लिक हेल्थ निगम में मर्ज हो चुका है। इस टेंडर को दोबारा लगाने के लिए निगम को कम से कम दो माह का समय चाहिए, जबकि इसके लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है।

निगम के उच्च अधिकारी इससे अंजान बने हैं जबकि फील्ड के अधिकारी और कर्मचारी इस बात से भली भांति परिचित हैं कि आने वाले महीने में शहर के लाखों लोगों के सामने पानी और सीवर की बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी। दरअसल जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन साल के लिए शहर को पीने के पानी की सप्लाई और सीवरेज के ऑपरेशन एंड मेंटनेंस का टेंडर दिया गया था। ये टेंडर अब नौ सितंबर को समाप्त होने जा रहा है। अब जनस्वास्थ्य विभाग की शहर को पीने का पानी और सीवरेज व्यवस्था देने वाली विंग नगर निगम में शामिल हो चुुकी है। जिसका पूरा कार्यभार अब निगम के पास आ चुका है। अब निगम को ही इसकी तैयारी करनी है, लेकिन अब तक इसकी अनुमति भी मुख्यालय नहीं भेजी गई है।

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ये एरिया होंगे प्रभावित
सीवरेज और पानी की सप्लाई और मेंटनेंस के टेंडर खत्म होने से शहरी विधानसभा के अंदर आने वाले वार्ड नंबर 3, 4, 7, 8, 9, 10, 11, 15, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23 और 26 का एरिया प्रभावित होगा। इन 16 वार्डों में करीब 80 कॉलोनियां हैं, जिनकी आबादी पांच लाख के पार है। ये लोग अब तक जनस्वास्थ्य विभाग की पेयजल और सीवरेज लाइन के भरोसे ही हैं।
ये है दो माह की प्रक्रिया-
निगम के विकास कार्यों की इन्हांसमेंट पर अब सरकार भी सख्त हो चुकी है। इन्हांस करने की भी अनुमति अब मुख्यालय से ही मिल सकती है। इसलिए अधिकारी इस टेंडर को इन्हांस करवाने से बच रहे हैं, यह भी केवल दस प्रतिशत हो सकती है। अब नए टेंडर का ही विकल्प है। इसके लिए सबसे पहले एस्टीमेट बनाकर शहरी स्थानीय निकाय को भेजना होगा। यहां से अनुमति मिलने के बाद टेंडर लगाया जाएगा। इस प्रोसेस में एक माह से ज्यादा समय लगेगा। इसके बाद तकनीकी और फाइनेंशियल बिड खोली जाएंगी। जिनके बाद रेट अप्रूवल होंगे और वर्क ऑर्डर जारी हो सकेगा। जिस एजेंसी को वर्क ऑर्डर मिलेगा उसे भी काम शुरू करने के लिए कम से कम एक माह का समय चाहिए होगा। इस हिसाब से इस काम में दो महीने लगेंगे।
एक बार बंद हुए तो चालू करना होगी चुनौती
अधिकारी बताते हैं कि जब तक सीवर चालू हैै तब तक ठीक है। अगर एक बार सीवर बंद हुए तो इनको दोबारा से चालू करना निगम के लिए चुनौती से कम नहीं होगा। गंदगी बंद सीवरेज को ब्लॉक कर देगी। सीवरेज का पानी ओवरफ्लो होकर नालों में आने लगेगा। जिससे गंदगीयुक्त माहौल तो बनेगा ही साथ में संक्रमण जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाएगा।

वर्जन-
जल्द किया जाएगा समाधान- भट्ट
ये एक गंभीर समस्या बन सकती है। इसे लेकर निगम अधिकारियों से बातचीत की जाएगी। जल्द ही टेंडर लगाने के लिए प्रयास किया जाएगा।
दुष्यंत भट्ट, सीनियर डिप्टी मेयर, नगर निगम।

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