सोनीपत में अब कॉलोनी काटने के लिए लेनी होगी अनुमति
शहर के आसपास के गांवों में बिना अनुमति कॉलोनी काटने और अन्य निर्माण किए जाने के मामले बढ़ने पर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे 25 गांवों की जमीन को कंट्रोल एरिया में शामिल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। डीसी ने खुद उन सभी जगहों का दौरा करके शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इन 25 गांवों की जमीन कंट्रोल एरिया में आने के बाद कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए सरकार से सीएलयू लेना होगा तो डेवलपमेंट चार्ज देना पड़ेगा। साथ ही नक्शा भी पास कराना होगा।
जिन गांवों की जमीन कंट्रोल एरिया से बाहर हैं, वहां कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए केवल डीटीपी के यहां प्रार्थना पत्र देकर एनओसी लेनी होती है। इसके अलावा कुछ लोग कॉलोनी काटने तो कुछ ने फैक्टरी व वेयर हाउस का निर्माण कर दिया गया। जहां पानी निकासी से लेकर पेयजल, सड़क व अन्य कोई व्यवस्था नहीं होती है। ऐसे ही गांवों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार कराई गई है। सूची में झूंडपुर, बड़वासनी, हुल्लाहेड़ी, बाघडू, किलोहड़द, महलाना, ताजपुर, तिहाड़ खुर्द, हसनपुर, तिहाड़ कलां, ककरोई, रोहट, भदाना, खिजरपुर जटमाजरा, भठगांव डूंगरान, भठगांव मलियान, करेवड़ी, बादशाहपुर माछरी, जाजी, जुआं, चंदौली, उमेदगढ़, पबनेरा, रसूलपुर, ग्यासपुर गांव को शामिल किया गया है।
अब इन गांवों को कंट्रोल एरिया में शामिल करने के लिए डीसी श्यामलाल पूनिया ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। इन गांवों की जमीन कंट्रोल एरिया में शामिल होने के बाद किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने के लिए सबसे पहले सीएलयू लेना होगा और उसके लिए सरकार को फीस देनी होगी। इसके अलावा जमीन के आधार पर डेवलपमेंट चार्ज देने होंगे तो नक्शा भी पास कराना होगा। इससे वहां कोई प्लॉट लेगा तो उसे सीवर, सड़क, पेयजल की सभी सुविधाएं मिलेंगी।
जिले के 25 गांवों को कंट्रोल एरिया में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इन सभी गांवों का पहले निरीक्षण किया गया था और वहां की स्थिति को देखकर प्रस्ताव भेजा गया है। वह कंट्रोल एरिया में शामिल हो जाएंगे तो सरकार व निर्माण करने वाले सभी को फायदा होगा।