गुरुग्राम: जहाँ जातीय समीकरण में फंसी बीजेपी, वहाँ पंजाबी उम्मीदवार को मैदान में उतारने की तैयारी में कांग्रेस
K9Media
भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार हरियाणा में सत्ता हासिल करने की मजबूत योजना और लक्ष्य के साथ चुनाव में उतर रही है। इसके लिए गुरुग्राम में चुनाव आयोग की दो दिवसीय मैराथन बैठक में सभी 90 सीटों पर उम्मीदवारों के लिए गहन मंथन और अन्य तैयारियों पर चर्चा हुई, ऐसे में हर समीकरण पर चर्चा की गई| विधायक मंत्री के टिकट पर कैंची चलाने के साथ, पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वालों के लिए डेटा प्रोसेसिंग भी की गई। गुरुग्राम सीट की बात करें तो बीजेपी किसी वैश्य उम्मीदवार पर दांव लगाना चाहती थी, लेकिन आप के वैश्य उम्मीदवार उमेश अग्रवाल के मैदान में उतरने से अब पार्टी को अपना ये दांव वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा| चर्चा है कि बैठक में पंजाबी ब्राह्मण उम्मीदवार पर सहमति बनेगी। हालांकि, कांग्रेस भी मोहित को मैदान में उतारकर पंजाबियों पर दांव लगाना चाहती है, जिससे बीजेपी नेता दुविधा में पड़ गए हैं, अब उनका एकमात्र विकल्प ब्राह्मण उम्मीदवार को चुनना है।
2 दिन की बैठक में चर्चा के विषय
बीजेपी के गुरु कमल कार्यालय में हुई इस दो दिवसीय बैठक में सभी 90 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का पैनल तैयार कर दिल्ली भेजा गया| बीजेपी ने जातीय समीकरण के अलावा मतदाताओं के मनोबल का भी जायजा लिया है और सक्रिय नेताओं पर पूरी रिपोर्ट तैयार की है, इसके अलावा बीजेपी ने अपने सांसदों और मंत्रियों की कुंडली भी बनानी शुरू कर दी है जिससे पार्टी की छवि खराब हुई है| इस कारण करीब 15 सांसदों और मंत्रियों के टिकटों पर तलवार लटक गई हैं| इस बैठक में वैश्य नेताओं के खिलाफ जांच और पूछताछ का मुद्दा भी उठाया गया और बादशाहपुर याचिकाकर्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का मुद्दा भी बैठक में उठाया गया| हालांकि उनकी घोषणा सर्वोच्च नेतृत्व पद तक पहुंच गई है, लेकिन अब वह दूसरी पार्टी में जगह तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा का दांव
बीजेपी अपने कोर वोटर वैश्य नवीन गोयल और पंजाबी गार्गी कक्कड़, यशपाल बत्रा की मदद से उन्हें फिर से गुरुग्राम से मैदान में उतारने की सोच रही थी| इसके लिए रणनीति भी तैयार कर ली गई है, लेकिन आप प्रमुख उमेश अग्रवाल के चुनाव प्रचार में शामिल होने की अफवाहों के बीच नवीन गोयल पिछड़ते नजर आ रहे हैं| बता दें कि उमेश की वैश्यों और पंजाबियों पर मजबूत पकड़ है और उन्होंने 2014 में बीजेपी के टिकट पर 80,000 से ज्यादा वोटों के साथ गुरुग्राम से जीत हासिल की थी|
बात करें अगर गार्गी कक्कड़ की तो उनके लिए राज्य और केंद्र के कई नेता प्रचार कर रहे हैं, लेकिन वह यहाँ ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रही हैं और कांग्रेस ने रही सही कसर पूरी कर दी है| कांग्रेस ने ऐन चुनाव के पहले 2019 के चुनाव में निर्दलीय लड़कर दूसरे नंबर पर आने वाले पंजाबी चेहरे मोहित ग्रोवर की जॉइन कराकर बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि वैश्य व पंजाबी में बड़ा चेहरा नहीं होने के चलते पार्टी फिलहाल ब्राह्मण समाज पर अपना फोकस बना रही है। हालांकि यशपाल बत्रा की भी पैरवी कुछ नेता कर रहे हैं।