बिना चुनाव लड़े 33 साल सांसद रहे मनमोहन सिंह, जब जनता के बीच उतरे तो मिली करारी हार

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बिना चुनाव लड़े 33 साल सांसद रहे मनमोहन सिंह, जब जनता के बीच उतरे तो मिली करारी हार

man mohan singh

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डॉ मनमोहन सिंह के नाम के आगे पूर्व सांसद लग जाएगा. उनका राज्यसभा का कार्यकाल आज यानी बुधवार को पूरा हो रहा है. मनमोहन सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और 2004-2014 तक प्रधानमंत्री रहे. 1991 से 1996 तक वह वित्त मंत्री रहे. मनमोहन सिंह 33 साल राज्यसभा के सांसद रहे.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का राज्यसभा के सदस्य के तौर पर कार्यकाल बुधवार को पूरा हो रहा है. वह 33 साल तक राज्यसभा के सांसद रहे. मनमोहन सिंह की गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है. 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार में वह देश के प्रधानमंत्री रहे. मनमोहन सिंह अर्थशास्त्री, शिक्षाविद और नौकरशाह भी रहे. 1991 से 1996 तक वह नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री थे.

आर्थिक सुधारों के सूत्रधार माने जाने वाले 91 वर्षीय मनमोहन सिंह 1991 से 2024 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. मनमोहन सिंह 1991 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे. इसके बाद 1995, 2001, 2007 और 2013 में वह फिर चुने गए. 1998 से 2004 तक केंद्र में बीजेपी की सरकार थी तब मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे. लेकिन क्या आपको पता है कि मनमोहन सिंह ने लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाया था. हालांकि वह जीतने में सफल नहीं रहे थे.

1999 में कांग्रेस ने उन्हें दक्षिणी दिल्ली से प्रत्याशी बनाया था. बीजेपी के विजय कुमार मल्होत्रा के हाथों उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी. उस चुनाव में विजय कुमार मल्होत्रा को 2 लाख 61 हजार 230 वोट मिले थे तो मनमोहन सिंह को 2 लाख 31 हजार 231 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर निर्दलीय मोहम्मद शरीफ थे.

ऐसा रहा मनमोहन सिंह का सफर

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था. डॉ सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से अपनी मैट्रिक की परीक्षा पूरी की. उनका शैक्षणिक करियर उन्हें पंजाब से कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, ब्रिटेन ले गया, जहां उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की. मनमोहन सिंह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से भी डिग्री हासिल कर चुके हैं.

1971 में मनमोहन सिंह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. इसके तुरंत बाद 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति हुई. डॉ मनमोहन सिंह कई सरकारी पदों पर रहे. इनमें वित्त मंत्रालय में सचिव भी शामिल है. वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर भी रहे. यही नहीं वह प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे.

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