असम: सीएम हिमंत सरमा का बड़ा बयान, मुसलमानों को असम पर कब्ज़ा नहीं करने देंगे
K9Media
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज मंगलवार को राज्य विधानसभा में कहा कि वह राज्य को मियां मुसलमानों के नियंत्रण में नहीं आने देंगे। सरमा असम में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों द्वारा दायर स्थगन याचिका के बारे में बोल रहे थे, जिसमें नागांव में 14 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार का उल्लेख किया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोग निचले असम से ऊपरी असम की ओर क्यों जाते हैं? क्या इसलिए कि मियां मुसलमान असम पर कब्ज़ा कर सकें? उन्होंने कहा कि वे ऐसा कभी भी नहीं होने देंगे और वह ऐसा होने पर प्रतिबंद लगाने के पक्ष में हैं|
सरमा ने राज्य में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का मुद्दा भी उठाया और कहा कि यह राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अतिक्रमणों के माध्यम से हो रहा है जो स्थानीय आबादी को अल्पसंख्यक बना देता है। सरमा ने साथ में ये भी कहा कि यह बात सिर्फ मैं ही नहीं, दिवंगत गोपीनाथ बोरदोलोई, विष्णु राम मेधी और सुप्रीम कोर्ट ने भी कही है। राज्य में अपराध दर में कथित वृद्धि पर उन्होंने कहा कि यह जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में नहीं बढ़ा है|
विपक्ष ने लगाए पक्षपात के आरोप
जब कुछ विपक्षी नेताओं ने मुख्य्मंत्री पर पक्षपात का आरोप लगाया, तो उन्होंने कहा कि मैं पक्षपाती रहूंगा, आप क्या कर सकते हैं? गरमागरम बहस के बीच जब पक्ष और विपक्ष के बीच बहस बढ़ने लगी तो संसद अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी को सरकार और विपक्षी सदस्यों की नोकझोंक पर विराम लगाने के लिए सत्र को दस मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। कांग्रेस, एआईयूडीएफ, माकपा के विधायक और एकमात्र निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित आपराधिक मामलों में वृद्धि के कारण स्थिति पर चर्चा करने के लिए स्थगन की मांग की।