हरियाणा: JJP के एक और विधायक ने पार्टी छोड़ी

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हरियाणा: JJP के एक और विधायक ने पार्टी छोड़ी

रामनिवास सुरजाखेड़ा ने  छोड़ी जेजेपी पार्टी

k9 media 


हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद जननायक जनता पार्टी को छठी बार झटका सहना पड़ा। गुरुवार को नरवाना, जींद से जेजेपी सांसद रामनिवास सुरजाखेड़ा ने इस्तीफा दे दिया| उन्होंने राष्ट्रीय जेजेपी प्रमुख अजय चौटाला से पार्टी छोड़ने और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को विधायकी से इस्तीफा भेज दिया| इससे पहले जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के पांच विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी| इन विधायकों में उकलाना विधायक अनूप धानक, टोहाना विधायक देवेंद्र बबली, शाहबाद विधायक रामकरण काला, गुहला चीका विधायक ईश्वर सिंह और बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक नारनौंद विधायक रामकुमार गौतम भी जल्द इस्तीफा दे सकते हैं| रामकुमार गौतम वर्तमान में अपने सियासी जोड़-घटाव को देख रहे हैं। उसने अभी तक तय नहीं किया है कि किस दिशा में जाना है| माना जा रहा है कि रेमनिवास सुरजाखोड़ा बीजेपी के टिकट पर नरवाना विधानसभा चुनाव लड़ेंगे| 

इस्तीफा देने वाले विधायकों की नाराजगी की वजह...

अनूप धानक: अनूप धानक दो बार उकलाना से विधायक बने है। पहली बार इनेलो टिकट से और दूसरी बार जेजेपी टिकट से। अनूप की शुरू में गिनती दुष्यन्त के करीबीयों में होती थी। जब छह सांसदों ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला तो वह हमेशा दुष्यंत के साथ नजर आए| लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बाद उन्होंने धीरे-धीरे पार्टी से पीछे हटते चले गए| आख़िरकार उन्होंने इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया| 

जोगीराम सिहाग: हिसार एयरपोर्ट के कारण तलवंडी राणा गांव का रास्ता बंद किया गया था। बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग इस रोड की शुरुआत करना चाहते थे। जैसे ही ग्रामीणों ने अपना विरोध शुरू किया, सिहाक वहां पहुंचे। वहां सेउन्होंने दुष्यंत चौटाला (तत्कालीन डिप्टी सीएम) को फोन किया लेकिन फोन नहीं उठाया गया।: हिसार एयरपोर्ट के कारण तलवंडी राणा गांव का रास्ता बंद किया गया था। बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग इस रोड की शुरुआत करना चाहते थे। जैसे ही ग्रामीणों ने अपना विरोध शुरू किया, सिहाक वहां पहुंचे। वहां सेउन्होंने दुष्यंत चौटाला (तत्कालीन डिप्टी सीएम) को फोन किया लेकिन फोन नहीं उठाया गया।

ईश्वर सिंह: ईश्वर सिंह इस बात से नाराज थे कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में सड़कें नहीं बनवा सके| दुष्यन्त के नियंत्रण वाले विभागों में भी लोगों के काम नहीं हुए। उनके बेटे रणधीर सिंह ने डेयरी डेवलपमेंट के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद वे कुमारी सेलजी के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए।

रामकरण काला: पिछले साल, किसानों ने अपनी सूरजमुखी की उपज के उचित मूल्य की मांग को लेकर जीटी रोड को अवरुद्ध कर दिया था। जाम खुलवाने के लिए किसानों पर लाठीचार्ज हुआ। शाहाबाद के किसानों की संख्या अधिक थी। इसके बाद रामकरण काला ने हरियाणा शुगर फेडरेशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया| 

देवेन्द्र बबली: देवेन्द्र बबली 2019 में कांग्रेस छोड़कर जेजेपी में शामिल हो गए थे। विधायक बनने के बाद जब उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो वे नाराज हो गए। पार्टीमीटिंग में उनकी भागीदारी भी कम हो गयी| बाद में उन्हें पंचायत मंत्री नियुक्त किया गया। लेकिन इसके बाद भी दुष्यंत ने चौटाला से दूरी बनाए रहे| 

रामनिवास सुरजाखेड़ा: पार्टी में काम नहीं होने से नाराज थे| दुष्‍यंत चौटाला पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया था| इसके बाद वह तत्कालीन मुख्यमंमत्री मनोहर लाल खट्टर के पास चले गए। उनके और खट्टर के बीचनज़दीकियां बढ़ती गईं और उनके और दुष्यन्त के बीच दूरियां बढ़ गईं| उन्होंने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार भी  किया था| 

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