President Election: देश के सर्वोच्च पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी द्रौपदी मुर्मू
President election : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने झारखंड का पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी की घोषणा की. राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने के बाद द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी.
बेहद लंबा और मुश्किल भरा रहा है द्रौपदी मुर्मू का सफर
आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाए जाने तक का सफर बेहद लंबा और मुश्किल सफर रहा है. 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू आदिवासी संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं.उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है.
पार्षद के रूप में शुरू किया अपना राजनीतिक करियर
संथाल समुदाय में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने साल 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और फिर साल 2000 में वह ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं.
BJD-BJP गठबंधन टूटने के बाद भी दर्ज की जीत
रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं द्रौपदी मुर्मू ने साल 2009 में तब भी अपनी विधानसभा सीट पर जीत हासिल की, जब बीजु जनता दल ने ओडिशा के चुनावों से कुछ हफ्ते पहले भाजपा से नाता तोड़ लिया था. उस चुनाव में मुख्यमंत्री नवीन पटनाय की पार्टी बीजद ने जीत दर्ज की थी.
सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए मिला था नीलकंठ पुरस्कार
द्रौपदी मुर्मू को साल 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा साल के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है.
बीजेपी संगठन में संभाल चुकी हैं कई अहम पद
द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी की ओडिशा इकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष भी रहीं. उन्हें 2013 में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था.