जो मुकाम पिता हासिल नहीं कर सके उसे रवि ने प्राप्त करने का लिया संकल्प

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जो मुकाम पिता हासिल नहीं कर सके उसे रवि ने प्राप्त करने का लिया संकल्प

जो मुकाम पिता हासिल नहीं कर सके उसे रवि ने प्राप्त करने का लिया संकल्प


सोनीपत, 20 जुलाई।                 
रवि दहिया, एक प्रतिभाशाली दमदार पहलवान जो अपने पिता के स्वप्र को साकार करने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा चुके हैं। टोक्यो ओलंपिक में फ्री-स्टाईल कुश्ती के लिए 57 किलोग्राम भारवर्ग में चुने गए रवि से देश को सफल प्रदर्शन की उम्मीद है। उपायुक्त ललित सिवाच ने रवि को चयन के लिए बधाई देते हुए सफल प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी हैं। 
रवि के पिता राकेश कुमार बताते हैं कि आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण वे कुश्ती में आगे नहीं बढ़ सके थे, लेकिन अपने बेटे को वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए स्वर्णिम प्रदर्शन करते देखना चाहते हैं। राकेश स्वयं भी कुश्ती करते थे और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पर स्वर्ण पदक हासिल करना चाहते थे। किंतु वे घर की गुजर-बसर के लिए खेती में जुट गए। अब रवि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। ओलंपिक में चयन होना गर्व की बात है। खेलों के महाकुंभ ओलंपिक में रवि से पदक की पूरी उम्मीद है।
नाहरी के मूल निवासी रवि को गांव के संत हंसराज पहलवानी के लिए लेकर गए। गांव में ही उन्होंने रवि को अखाड़े में कुश्ती के  दांव-पेंच सिखाने शुरू किये। कुछ समय उपरांत दस वर्ष की आयु में ही रवि को छत्रसाल स्टेडियम भेजा गया, जहां वे दिन-प्रतिदिन निखरते चले गए। उन्होंने वर्ष 2015 में जूनियर रेसलिंग वल्र्ड चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता। किंतु घुटने की चोट के कारण 2017 में सीनियर नेशनल गेम्स में सेमिफाइनल तक पहुंचकर भी उन्हें प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा। कुछ समय उपरांत ही फिट होकर उन्होंने पुन: अभ्यास शुरू किया। वर्ष 2018 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने रजत  पदक जीता और वर्ष 2019 में हुई वल्र्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। 
रवि के पिता राकेश ने अपने छोटे पुत्र पंकज को भी कुश्ती में उतारा है। वे चाहते हैं कि  रवि की भांति पंकज भी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमायें। उन्होंने कहा कि दोनों बेटों को पहलवानी में आगे बढ़ाने के लिए वे खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि रवि क्षमतावान पहलवान है, जिसने बहुत जल्द ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। ओलंपिक में चयन ही रवि की प्रतिभा का उदाहरण है। 
उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि रवि दहिया सरीखी युवा प्रतिभाएं अन्य युवाओं के लिए उदाहरण व प्रेरणास्त्रोत का काम करती हैं। रवि दहिया एक अनुकरणीय प्रतिभा हैं, जिनसे युवाओं को खेलों आगे बढऩे का प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचल से निकले रवि ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल की है। खेलों के सबसे बड़े आयोजन ओलंपिक में भी उनसे सफल प्रदर्शन की आशा है

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