मनोहर के विवादित बयान पर बवाल, आक्रामक हुआ विपक्ष

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मनोहर के विवादित बयान पर बवाल, आक्रामक हुआ विपक्ष

मनोहर के विवादित बयान पर बवाल, आक्रामक हुआ विपक्ष


हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का विवादित बयान सामने आया है। किसानों के मामले में मुख्यमंत्री ने शठे शाठयम समाचरेत की कहावत का हवाला दिया है। उदाहरण देते हुए उन्होंने डंडे उठाने की बात कही है। सीएम के इस बयान के बाद विपक्ष आक्रामक हो गया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले में ट्वीट कर आपत्ति दर्ज की है। जबकि सरकार की ओर से इस बयान को आधा अधूरा बताया गया है। सरकार की ओर से जारी वीडियो में सीएम ने यह भी कहा है कि जोश के साथ अनुशासन को बना के रखना है।


मुख्यमंत्री ने वीडियो में कहा है कि कुछ नए किसानों के संगठन उभर रहे हैं, उनको अब प्रोत्साहन देना पड़ेगा। उनको आगे लाना पड़ेगा खासकर उत्तर और पश्चिम हरियाणा में, दक्षिण हरियाणा में यह समस्या ज्यादा नहीं है, लेकिन उत्तर पश्चिम हरियाणा के हर जिले में अपने 500 या 700 किसान या फिर एक हजार लोग खड़े करो, उनको वालंटियर बनाओ। फिर जगह-जगह शठे शाठयम समाचरेत... की बात कहते हुए सीएम ने सामने बैठे लोगों से पूछा इसका क्या मतलब है। जिसके बाद भीड़ से आवाज आती है कि जैसे को तैसा। यहां यह भी कहा गया है कि उठा लो डंडे। जब डंडे उठाओगे तो जेल जाने की परवाह मत करो, दो चार महीने रह आओगे तो बड़े लीडर अपने आप बन जाओगे। 


सरकार की सफाई:
इस मामले में सरकार की तरफ से सफाई दी गई है कि  मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बयान को आधा काट कर फैलाया जा रहा है। पूरे वीडियो को देखेंगे तो आपको समझ में आ जाएगा कि उन्होंने क्या कहा था। मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं की एक इंटरनल बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहते हुए किसी भी गलत काम का डटकर विरोध करने की बात की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोश के साथ होश और अनुशासन रख कर काम करना है।

रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट: बोले- किसान विरोध षड्यंत्र का भंडाफोड़ हुआ 
अगर प्रदेश का मुख्यमंत्री ही हिंसा फैलाने, समाज को तुड़वाने और कानून व्यवस्था को खत्म करने की बात करेगा, तो प्रदेश में कानून और संविधान का शासन चल ही नहीं सकता। आज भाजपा के किसान विरोधी षड्यंत्र का भंडाफोड़ हो ही गया। ऐसी अराजक सरकार को चलता करने का समय आ गया है।
सुरजेवाला ने दूसरा ट्वीट किया है कि भाजपा समर्थक  लोगों को आंदोलनकारी किसानों पर डंडों से हमला करने, जेल जाने और वहां से नेता बन कर निकलने का यह गुरुमंत्र कभी कामयाब नहीं होगा। संविधान की शपथ लेकर खुले कार्यक्रम में अराजकता फैलाने का यह आह्वान देशद्रोह है। 

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