हरियाणा के निजी अस्पताल की शर्मनाक हरकत, संक्रमित महिला की मौत होने पर उतार लिए गहने

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हरियाणा के निजी अस्पताल की शर्मनाक हरकत, संक्रमित महिला की मौत होने पर उतार लिए गहने

हरियाणा के निजी अस्पताल की शर्मनाक हरकत, संक्रमित महिला की मौत होने पर उतार लिए गहने


भिवानी। कोरोना के प्रकोप के बीच अस्‍पतालों में पैसे की लूट और असुविधाओं की सूचनाएं तो काफी पहले से आ रही हैं लेकिन हरियाणा के एक अस्‍पताल की करतूत ने मानवता को भी शर्मसार कर दिया है। हरियाणा के भिवानी स्थित इस प्राइवेट अस्‍पताल ने कोविड मरीज महिला के गहने उतारकर डेड बॉडी पैक कर सौंप दी। 

जब कोरोना महामारी के इस विकट समय में जब हर तरफ सन्नाटा है और लोग एक-दूसरे की मदद करने की अपील कर रहे हैं तो ऐसे में एक प्राइवेट अस्पताल के डाक्टर कोरोना संक्रमितों को लूटने की सभी हदें पार कर रहे हैं। डाक्टरों ने अपना व्यावसायिक धर्म और नैतिकता परे रख दिए हैं। घटना भिवानी शहर के रोहतक रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल की है।

इस अस्पताल में पिछले 19 दिनों से भिवानी के पहले विधायक स्वतंत्रता सेनानी स्व. पंडित रामकुमार बिढाट के पुत्र स्व. अक्षय कुमार की पत्नी आशा लता बिढाट कोरोना संक्रमित होने के कारण दाखिल थी। कल सुबह डाक्टरों ने आशा लता की मौत होने की सूचना परिजनों को दी। इस पर परिवार के लोग और उनके रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल के कर्मचारियों ने मृतका की सोने की चेन और कानों की बालियां उन्हें थमा दीं।

मृतका के परिजन ने बताया कि आशा के हाथों में 4 सोने की चूडिय़ां, 3 अंगूठियां और हीरा जडि़त नथ भी है। इस पर अस्पताल स्टाफ ने जवाब दिया कि मृतका के शरीर पर सूजन के कारण बाकी के जेवरात नहीं निकाले जा सकते और लाश को पैक कर दिया है। मामला उस समय ड्यूटी कर रहे डाक्टर के पास पहुंचा पर उन्होंने ने भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया। उन्होंने बताया कि मृत शरीर को पॉलिथिन में पैक किया जा चुका है। मृतका के एक करीबी अधिवक्ता रिश्तेदार ने जब अस्पताल स्टाफ से इस बारे पूछताछ की तो स्टाफ सदस्यों ने उनसे गलत व्यवहार किया। इस पर अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। अंत में एक बाहरी डाक्टर के हस्तक्षेप से अस्पताल के स्टाफ ने बाकी के जेवरात भी लाकर दे दिए। इन सभी जेवरात की कीमत 4 लाख रुपए से अधिक बताई गई है।

उल्लेखनीय है कि मृतका के जेवरात कहीं से कटे हुए नहीं थे जबकि अस्पताल स्टाफ ने बताया था कि मृतका के शरीर पर सूजन है और जेवरात नहीं निकले जा सकते। इसके बाद अस्पताल ने मृत शरीर को श्मशानघाट तक पहुंचाने के लिए एम्बुलैंस भी मुहैया नहीं करवाई जबकि नियमानुसार अस्पताल एम्बुलैंस मुहैया करवाता है। इस घटना के रोष स्वरूप सभ्य समाज हरियाणा के प्रधान ने इस अस्पताल का लाइसैंस रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि अस्पताल में अब तक कोरोना से हुई मौतों के सभी मामलों की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि वह इस बारे मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से भी शिकायत करेंगे।

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