ध्यान के सहारे किया जा सकता है शून्य से अनंत का सफर - ध्यान योगी माँ ध्यान मूर्ति जी

  1. Home
  2. NATIONAL

ध्यान के सहारे किया जा सकता है शून्य से अनंत का सफर - ध्यान योगी माँ ध्यान मूर्ति जी

ध्यान के सहारे किया जा सकता है शून्य से अनंत का सफर - ध्यान योगी माँ ध्यान मूर्ति जी


ध्यान अध्यात्म का वो अध्याय है जहां व्यक्ति को एक ऐसा जीवन मिलता है जिनकी कल्पना वो सपने में भी नहीं कर सकता. उसको जो अनुभव होते हैं ना तो उसके लिए कोई शब्द बने हैं ना ही वो किसी को समझाए जा सकते उन्हें सिर्फ और सिर्फ महसूस किया जा सकता है। कहने में बेशक़ थोड़ा अटपटा लगे पर इसके ध्यान में ज़मीन पर बैठा साधक आकाश की यात्रा करता है। पर धीरे धीरे सनातन की ये विधियां पृथ्वी से विलुप्त होती जा रही हैं।।

ध्यान योगी माँ ध्यान मूर्ति पिछले कई वर्षों से मेडिटेशन का प्रचार प्रसार कर रही हैं उनका मानना है कि ध्यान के सहारे हम जो ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं वो किसी भी किताब को पढ़कर हमें नहीं मिल सकता अगर हमें जीवन को एक आयाम देना है तो उसके लिए मेडिटेशन की सख्त जरूरत है।।

माँ ध्यान मूर्ति लोगों को जरूरक करने के लिए मेडिटेशन क्लास का आयोजन करती हैं जिसमें हजारों लोगों शिरकत करते हैं.. और आपको जानकर हैरानी होगी इसमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है ध्यान योगी के मुताबिक ध्यान से अनेक फायदे अनुभव होते हैं जैसे - भाग्य वृद्धि होना, कर्म का और अधिक सही ढंग से निर्वहन होना, जीवन में धैर्य का होना इसी के साथ ही ऊर्जा का शारीरिक भोग- वासनाओं से ऊपर उठकर ब्रह्मचर्य की ओर अग्रसर होना, यह सब ध्यान से आसानी से उपलब्ध किया जा सकता है।
जीवन में कष्ट सभी को कभी ना कभी आते ही रहते हैं तब सैकड़ों लोगों को ध्यान क्लास के माध्यम से उन दुखों में अपने आप को साधने की हिम्मत प्राप्त होती है।
ध्यान योगी माँ ध्यान मूर्ति जी महाराज भविष्य में साधको के लिए एक ध्यान मंदिर का निर्माण भी करा रहे हैं जहां मनुष्य सुकून से बैठकर अपने अंदर के प्रकाश को पहचान सकता है और अपने जीवन को एक सही दिशा दे सकता है।।

Around The Web

Uttar Pradesh

National