गरीबों के मसीहा सरकार की नजरों में बने चोर? Sonu Sood को लेकर सामने आई चौंकाने वाली बात

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गरीबों के मसीहा सरकार की नजरों में बने चोर? Sonu Sood को लेकर सामने आई चौंकाने वाली बात

गरीबों के मसीहा सरकार की नजरों में बने चोर? Sonu Sood को लेकर सामने आई चौंकाने वाली बात


मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद मुश्किलों में फंसते हुए नजर आ रहें है। बता दें कि जो इंसान कुछ समय पहले से लोगों का मसीहा बन चुका था खुले हांथों लोगों की मदद कर रहा था , लोग सरकार से मदद मांगने की वजाए सोनू सूद से मदद मांग रहे थे साथ ही एक्टर भी लोगों के लिए रियल हीरों की तरह उनकी जिंदगी में एंट्री करके उनकी मुश्किलों को यूं मिनटों में दूर कर देते थे। लेकिन आज वही मसीहा सरकार और प्रशासन की नजरों में चोर बन गया है। दरअसल ऐसा मेरा कहना नहीं बल्कि उन लाखों लोगों का कहना है जिनकी सोनू सूद ने मदद की थी। 

अब इसी कड़ी में ताबड़तोड़ रेड का सामना कर रहे अभिनेता सोनू सूद की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद और उनसे जुड़े परिसरों पर दो दिनों की छापेमारी के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शनिवार को कहा कि सोनू सूद के खिलाफ 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। आयकर विभाग ने कहा कि विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन के अलावा, अब तक सोनू सूद और उनके सहयोगियों द्वारा 20 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। बता दें कि आयकर विभाग ने अभिनेता सोनू सूद के खिलाफ कथित कर चोरी मामले में शुक्रवार को मुंबई, नागपुर और जयपुर में उनके कई परिसरों पर छापेमारी की थी।  

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान कर चोरी से संबंधित आपत्तिजनक सबूत मिले हैं। सीबीडीटी ने कहा कि अभिनेता ने फर्जी संस्थाओं से फर्जी और असुरक्षित ऋण के रूप में बेहिसाब पैसे जमा किए। आयकर विभाग ने मुंबई में सोनू सूद के विभिन्न परिसरों के साथ-साथ लखनऊ स्थित ग्रुप रियल एस्टेट समूह में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था। दो दिनों में मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरुग्राम में कुल 28 परिसरों की तलाशी ली गई।

सीबीडीटी ने कहा कि अब तक की जांच में 20 ऐसी प्रविष्टियों के उपयोग का पता चला है, जिनके प्रदाताओं ने फर्जी आवास प्रविष्टियां देने की शपथ ली है। उन्होंने नकद के बदले चेक जारी करना स्वीकार किया है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां, पेशेवर प्राप्तियों को कर चोरी के उद्देश्य से अकाउंट में ऋण के रूप में छिपाया गया है। यह भी पता चला है कि इन फर्जी ऋणों का इस्तेमाल निवेश करने और संपत्ति हासिल करने के लिए किया गया है।

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