नाक से दी जाने वाली ये वैक्सीन हो सकती है 'गेम चेंजर' साबित
नाक से दी जाने वाली ये वैक्सीन हो सकती है 'गेम चेंजर' साबित
नई दिल्ली। (ब्यूरो) देश में इस वक्त कोरोना वायरस की दो वैक्सीन, कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। ये दोनों ही वैक्सीन इंजेक्शन के जरिए लगाई जा रही हैं, लेकिन कहते हैं 'आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है', इसीलिए दुनिया भर में नेजल यानी नाक के जरिए भी इस वैक्सीन को देने के विकल्प के बारे में सोचा जा रहा है।
दरअसल कोविड-19 के अधिकांश मामलों में यह पाया गया है कि कोरोना वायरस म्यूकोसा के माध्यम से शरीर मे प्रवेश करता है और म्यूकोसल मेमब्रेन में मौजूद कोशिकाओं और अणुओं को इन्फेक्टेड करता है। ऐसे में अगर नाक के माध्यम से वैक्सीन देंगे तो यह काफी प्रभावी हो सकती है।
नेजल वैक्सीन अगर सफल हो जाती है इसके कई फायदें होंगे। पहला ये कि इंजेक्शन से वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं नाक के अंदरूनी हिस्सों में इम्यून तैयार होने से सांस से संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा। इंजेक्शन से वैक्सीन नहीं लगेगी तो हेल्थवर्कर्स को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होगी। वहीं इसका उत्पादन आसान होगा, जिससे वैक्सीन वेस्टेज की संभावना घटेगी।
बता दें, अप्रैल में ही हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक कंपनी की इंट्रानेजल वैक्सीन, BBV154 के पहले चरण के परीक्षण की मंजूरी मिल चुकी है। क्लीनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री के अनुसार, 175 लोगों को नेजल वैक्सीन दी गई है। इस ट्रायल के परिणाम आने अभी बाकी है।
This nasal vaccine may prove to be a game changer