हरियाणा में 10 सेकेंड में ही ट्रेन के नीचे गई तीन जिंदगियां, मां-बाप और भाई की मौत

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हरियाणा में 10 सेकेंड में ही ट्रेन के नीचे गई तीन जिंदगियां, मां-बाप और भाई की मौत

हरियाणा में 10 सेकेंड में ही ट्रेन के नीचे गई तीन जिंदगियां, मां-बाप और भाई की मौत


हरियाणा के जिला सोनीपत में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, ट्रेन से कटकर दोपहर एक ही परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। शहर के वेस्ट रामनगर में रहने वाले गादीराम के हंसते-खेलते परिवार पर कुछ देर में ही दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दंपती व बेटे की मौत के बाद अब परिवार में एक बेटी ही बची है। घटना की चश्मदीद बेटी पिंकी का रोकर बुरा हाल है। पिंकी अपने परिजनों से लिपटकर बार-बार यही कह रही थी कि मैं मौके पर होते हुए भी कुछ नहीं कर सकी। मामले में पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

सोनीपत में दिल्ली-अम्बाला ट्रैक पर कल सुबह 10:30 बजे एक दंपती ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। बचाने के लिए दौड़े बेटे की भी ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। वहां दूर खड़ी 15 साल की बेटी मम्मी-पापा और भाई के शव देख बिलख-बिलखकर रोने लगी। उसने बुआ के लड़के व चाचा को सूचना दी। मृतकों में मूलरूप से गांव बिधलान के गादीराम (45), उनकी पत्नी सुनीता और बेटा शुभम (12) शामिल हैं।

पुलिस का कहना है कि पति-पत्नी ने घरेलू कलह के चलते ऐसा कदम उठाया है। लेकिन झगड़ा किस बात पर था, यह न परिजन बता रहे हैं, न पुलिस। परिजनों का कहना है कि पति-पत्नी को कभी लड़ते नहीं देखा। प्रत्यक्षदर्शी बेटी पिंकी ने बताया कि पापा उन्हें जरूरी काम की बात कहकर जाहरी फाटक पर ले गए थे।

सुबह घर में मम्मी-पापा आपस में बात कर रहे थे। अचानक पापा ने मुझे और भाई शुभम से कहा- चलो जरूरी काम से चलना है। हम घर से चले तो पूछा भी कि कहां जा रहे हैं। पापा ने कुछ नहीं बताया। पापा, मम्मी, भाई व मुझे बाइक पर जाहरी फाटक वाले रास्ते पर ले गए। यहां रेलवे ट्रैक से कुछ दूर बाइक रोक दी। मुझे और भाई से कहा कि तुम यहीं रुको। इसके बाद पापा-मम्मी रेलवे लाइन की तरफ चले गए। वहां दोनों आपस में बात कर रहे थे। क्या बातचीत हो रही थी, यह पता नहीं चल सका। तभी सोनीपत स्टेशन की तरफ से ट्रेन आई। इसे देख पापा ट्रैक की तरफ दौड़ पड़े। पीछे-पीछे मम्मी भी दौड़ पड़ी। मैं कुछ समझ नहीं पाई, लेकिन भाई शुभम पापा-मम्मी की ओर भागा। देखते-देखते ही पापा-मम्मी ट्रेन से कट गए। उन्हें बचाने में भाई शुभम भी चपेट में आ गया। मैं दौड़ती हुई रेलवे लाइन पर पहुंची। वहां पापा-मम्मी और भाई की मौत हो चुकी थी। मेरी आंखों के सामने परिवार खत्म हो गया। 

मूलरूप से बिधलान के रहने वाले गादीराम व उनकी पत्नी सुनीता आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में डीसी रेट पर स्वीपर थे। गादीराम गांव सेहरी और सुनीता सोनीपत के आर्यनगर की डिस्पेंसरी में कार्यरत थी। दोनों अब परिवार के साथ शहर के वेस्ट रामनगर में खुद के घर में रह रहे थे। गादीराम के भाई कप्तान ने बताया कि सुबह वह भाई के पास फोन कर रहा था, लेकिन नंबर नहीं लगा। पति-पत्नी में कभी विवाद नहीं हुआ था। परिवार खुश था। गादीराम के दाे बार हार्ट का ऑपरेशन हुआ था, पर अब ठीक था। पिंकी ने कहा कि मम्मी-पापा को कभी झगड़ते नहीं देखा।

गादीराम के पिता की मौत हो चुकी है। दो भाई हैं, जो दिल्ली में रहते हैं। घर पर अब गादीराम की मां व बेटी ही बचे हैं। मां बुजुर्ग हैं। शुभम 8वीं कक्षा में पढ़ता था। पिंकी टीकाराम स्कूल में पढ़ती है। पिंकी ने बताया कि मम्मी व पापा सुबह जल्दी काम पर चले जाते थे। घर पर सब खुश थे। रविवार को छुट्‌टी के दिन पूरा परिवार इकट्‌ठा होता था। जीआरपी थाना प्रभारी महावीर ने कहा कि दंपती में किस बात को लेकर अनबन थी, इसकी जांच की जा रही है। बेटी ने बताया है कि सुबह दोनों घर पर सही से बात कर रहे थे। उन्हें कुछ नहीं बताया।

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