टिकैत ने महापंचायत में हर-हर महादेव और अल्लाह-हू-अकबर के लगवाए नारे

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टिकैत ने महापंचायत में हर-हर महादेव और अल्लाह-हू-अकबर के लगवाए नारे

टिकैत ने महापंचायत में हर-हर महादेव और अल्लाह-हू-अकबर के लगवाए नारे


मुजफ्फरनगर में रविवार को हुई किसानों की महापंचायत यूपी चुनाव पर फोकस रही। किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा को चुनौती देते हुए मंच से हर-हर महादेव और अल्लाह-हू अकबर के नारे लगवाए। टिकैत ने कहा कि पूरे यूपी में आने वाले दिनों में ऐसी 8-10 महापंचायतें की जाएंगी। वहीं, महापंचायत के दौरान उस समय माहौल गरमा गया जब मंच पर भाषण दे रहे बलवीर सिंह राजेवाल को हूटिंग का सामना करना पड़ा। राजेवाल इससे गुस्सा गए और कहा कि पंजाब के नेताओं को यहां बोलने नहीं दिया जा रहा है।जब राजेवाल भाषण दे रहे थे तो स्टेज के पास कुछ युवक हूटिंग करने लगे। इससे पंडाल में बैठे किसानों में हलचल होने लगी व सबका ध्यान उनकी तरफ हो गया। राजेवाल गुस्सा हो गए और कहा कि 100 के करीब युवा दूसरे राज्यों से आए लोगों के भाषण के समय हूटिंग कर रहे हैं। यह बेहद गलत बात है, यह लोग परेशानी पैदा कर रहे हैं।

इसके बाद टिकैत ने माइक संभाला और कहा कि यह कौन लोग हैं, जो बिना वजह हल्ला कर रहे हैं, क्यों हंगामा किया जा रहा है। उन्होंने वाॅलंटियर्स को कहा कि इन लोगों को यहां से हटा दिया जाए। इसके बाद राजेवाल ने भाषण जारी किया। उल्लेखनीय है कि किसानों ने 25 के बजाय अब 27 सितंबर काे भारत बंद का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि 25 को देवीलाल के जन्मदिन पर इनेलो की रैली के चलते यह फैसला लिया गया है। इस रैली में टिकैत आ सकते हैं।

8 माह पहले टिकैत ने लिया था कदम न रखने का प्रण, कालीन पर ही गाड़ी से उतरे
राकेश टिकैत ने 8 महीने पहले आंदोलन को टूटते देखकर रोते हुए प्रण किया था कि जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं होंगे, तब तक वह मुजफ्फरनगर की जमीन पर कदम नहीं रखेंगे। ऐसे में महापंचायत में पहुंचने का धर्मसंकट पैदा हो गया। मोर्चा ने बीच का रास्ता निकाला और दोपहर करीब 12 बजे वह गाड़ियों के काफिले से जीआईसी ग्राउंड पहुंचे। जमीन पर पांव न पड़ें, इसलिए मंच तक बिछे कालीन पर ही गाड़ी से उतरे।

योगेंद्र यादव के यूपी सरकार पर 5 निशाने-

कहा- ‘सौ सुनार की, एक लुहार की’ कहावत आज सही साबित, उनके लिए जवाब- जो कहते थे आंदोलन खत्म

स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव ने यूपी सरकार पर 5 निशाने साधे। कहा- ‘सौ सुनार की, एक लुहार की’ कहावत को किसानों ने सही साबित कर दिया है। अंगुली पर गिनवाते हुए कहा- एक- यूपी में कर्जमाफी के नाम पर ढोंग किया गया। कर्ज करोड़ों किसानों का था। सरकार ने 86 लाख का माफ करने का वादा किया। दो- सरकार ने 4 साल से गन्ना रेट नहीं बढ़ाया और पिछला बकाया नहीं दिया। तीन- 7295 करोड़ पिछले सीजन का चीनी मिलों पर बकाया है। 8700 करोड़ का ब्याज सरकार पर उधार है। चार- गेहूं की 18 फीसदी सरकारी खरीद हुई। सरसों की 1 फीसदी, चना, मूंग, मसूर की और मक्का की खरीद ही नहीं हुई। पांच-पीएम फसल बीमा उत्तर प्रदेश में 2017 में 72 लाख किसानों का था। आज 72 से हटकर 47 लाख किसानों का रह गया है। कंपनियों ने ढाई हजार करोड़ का मुनाफा कमाया।

भाजपा सांसद ने की बातचीत की अपील
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने रविवार को महापंचायत का वीडियो साेशल मीडिया पर साझा कर लिखा, ‘मुजफ्फरनगर में विरोध के लिए लाखों किसान इकट्ठा हुए हैं। वे अपने ही हैं। हमें सम्मानजनक तरीके से फिर बातचीत करनी चाहिए। उनकी पीड़ा समझनी चाहिए। उनके विचार जानने चाहिए।

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