देवी मां को खुश करने के लिये युवती ने मंदिर में गर्दन काटकर खून चढ़ाया
लखनऊ : आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं लेकिन इसके बावजूद बहुत से लोग अभी भी अंधविश्वास में फंसे हुए हैं। विज्ञान की इतनी तरक्की करने के बाद भी हमारे देश के कुछ ऐसे लोग हैं, जिनकी सोच बदलना बहुत मुश्किल है। अंधविश्वासी दूसरों के लिये खतरा तो होते ही हैं, साथ ही साथ अपने लिये भी बड़ी मुसीबत पैदा कर लेते हैं। इसमें इनकी जान भी चली जाती है।
ऐसा ही अंधविश्वास का एक मामला मेरठ के खरखौदा से सामने आया है। जहां देवी मां को खुश करने के लिये एक युवती ने मंदिर में ही अपनी गर्दन काटकर खून चढ़ा दिया। इस युवती ने पहले तो चाकू से अपनी गर्दन काटकर देवी मां को खून चढ़ाया इसके बाद मंदिर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ग्रामीणों ने जब ये नजारा देखा तो उनके होश ही उड़ गये। फोन करके परिजनों को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे परिजनों ने बिना पुलिस के कार्रवाही के ही युवती का दाह संस्कार कर दिया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार की देर शाम को युवती मंदिर में गई थी। जहां उसने पूजा करने के लिए पहले तो दीये जलाये। इसके बाद युवती ने चाकू से अपनी गर्दन काटी और सभी दीयों में अपना खून डाला। उसने देवी पर अपना खून चढ़ाया और इसके बाद फिर फांसी लगा ली।
ग्रामीणों ने बताया कि ये मंदिर जंगल की ओर है। ऐसे में कम ही लोग वहां जाते हैं। इस घटना के बाद उसी शाम को गांव का कोई व्यक्ति मंदिर परिसर में गया, तो वहां युवती का शव लटका देखा तो उसने गांव वालों को सूचित किया।
इस घटना की खबर मिलते ही पूरे गांव में दहशत फैल गई। ग्रामीण और युवती के परिजन मौके पर पहुंचे और फंदे से लटके शव को नीचे उतारा। जांच-पड़ताल में सामने आया कि युवती ने माता को खुश करने के लिए अपनी बलि दे दी। मंदिर के अंदर एक चाकू और दीपों में खून मिला है। इसके अलावा मंदिर परिसर में जिस पेड़ से लटकर युवती ने आत्महत्या की, वहां भी चारों ओर खून ही खून पड़ा था। परिजन और ग्रामीणों ने मिलकर बिना पुलिस को सूचित किये युवती का दाह संस्कार भी करवा दिया। फिलहाल पुलिस ने भी इस संबंध में अभी कुछ नहीं कहा है।