प्रेमी से मिलने के लिए 2200KM दूर राजस्थान पहुंची बगलादेशी महिला , सीमा हैदर की तरह ये भी नहीं जाना चाहती वापिस अपने देश

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प्रेमी से मिलने के लिए 2200KM दूर राजस्थान पहुंची बगलादेशी महिला , सीमा हैदर की तरह ये भी नहीं जाना चाहती वापिस अपने देश

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बांग्लादेश की राजधानी ढाका से एक युवती अपने शादीशुदा प्रेमी से मिलने राजस्थान के अनूपगढ़ पहुंच गई। छह महीने पहले दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया ऐप से हुई थी। युवती ने प्रेमी से मिलने के लिए करीब 2200KM का सफर तय किया। वह टूरिस्ट वीजा लेकर यहां पहुंची है।

रावला (अनूपगढ़) थाना अधिकारी रमेश कुमार ने बताया- उम्मे हबीबा उर्फ हनी (30) के पास टूरिस्ट वीजा मिला है। उसके पास से 2000 बांग्लादेशी मुद्रा (टका) भी मिली है। उम्मे अनूपगढ़ के रावला मंडी के गांव 13 डीओएल के रहने वाले रोशन सिंह (27) पुत्र हंसा सिंह से मिलने आई है। दोनों प्रेमी-प्रेमिका को थाने में रखा गया है। उम्मे से पूछताछ की जा रही है।

स्थानीय पंचायत समिति सदस्य के पति गोपी भूकर ने बताया- बांग्लादेशी उम्मे हबीबा की दोस्ती हमारे गांव के रोशन से 6 महीने पहले 'याला वॉइस चैट' के माध्यम से हुई थी। दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों के बीच वीडियो कॉल पर भी बातें होती थीं। अपना प्यार पाने उम्मे हबीबा बांग्लादेश से भारत आई है।

3 सिंतबर की सुबह हबीबा बीकानेर रेलवे स्टेशन पहुंची थी। रोशन उसे लेने बीकानेर पहुंचा। हबीबा 2 दिन रोशन के घर पर रही। मंगलवार दोपहर किसी ने इसकी सूचना रावला थाने में दे दी। सूचना मिलने पर पुलिस ने उम्मे हबीबा और रोशन को थाने में बुलाकर पूछताछ शुरू कर दी है। रोशन की बहन संतोष कौर (31) ने बताया- हबीबा 3 सितंबर की शाम को घर आ गई थी। वह ढाका से कोलकाता के रास्ते दिल्ली होते हुए बीकानेर पहुंची है।

2 साल पहले हो चुकी है शादी

रोशन की मां कृष्णा बाई ने बताया- रोशन की शादी 2 साल पहले रोजड़ी क्षेत्र की रहने वाली सोमा बाई के साथ हो चुकी है। रोशन के 7 महीने का बेटा भी है। सोमा बाई 3 सितंबर को सुबह सिरसा में पूजा में शामिल होने के लिए गई हुई है। रविवार को हबीबा घर आई। वह हिंदी में बात कर रही थी। उसे पंजाबी भाषा समझ में नहीं आती। हबीबा वापस बांग्लादेश नहीं जाना चाहती। वह भारत में ही रहना चाहती है। हबीबा ने रोशन के परिजनों को बताया था कि बांग्लादेश से आने के कारण उसकी बदनामी हो गई है। उसने बताया कि वह ढाका की रहने वाली है।

रोशन की बहन संतोष कौर बोली- हम तो चाहते हैं कि वह वापस चली जाए। हम भाई का घर बसा हुआ देखना चाहते हैं। हबीबा कहती है कि मैं वापस नहीं जाऊंगी। उसके पास 6 महीने का वैलिड वीजा है। अब वह वीजा पूरा होने के बाद ही जाएगी। संतोष कौर ने बताया कि हबीबा ने उन्हें बताया था कि उसके पांच भाई और एक बहन है। वह छठे नंबर की है। हबीबा के भाई मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

सोमा से बोली- हम दोनों रोशन के साथ रहेंगे

हबीबा ने रोशन की पत्नी सोमा से फोन पर बात की। उसने सोमा से कहा कि हम दोनों साथ रहेंगे। मैं यहां कोई गलत इरादे से नहीं आई हूं। मगर सोमा बाई ने उसे साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि तुम यहां से वापस अपने देश चली जाओ। रोशन की मां ने बताया- रोशन और उसका छोटा भाई मलकीत मजदूरी करते हैं। वह खुद नरेगा में कार्य करती है। रोशन के पिता की मौत लगभग 1 साल पहले बीमारी के कारण हो चुकी है। रोशन केवल चौथी कक्षा तक पढ़ा हुआ है। वह भोला है। रोशन की बहनों और उसकी मां ने मीडिया और प्रशासन से अपील की है कि वह हबीबा को यहां नहीं रखना चाहते हैं। इसलिए प्रशासन और सरकार उसे वापस बांग्लादेश भेज दे।

प्रशासन का सहयोग किया जा रहा
मौके पर पहुंचे पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि गोपी राम भूकर ने बताया कि एक बांग्लादेशी युवती की गांव में आने की सूचना मिलने पर प्रशासन को तत्काल अवगत करा दिया गया था। इस मामले में उनके व ग्रामीणों के द्वारा प्रशासन का सहयोग किया जाएगा। किसी भी तरह से इस बांग्लादेशी युवती को वापस उसके देश भेजने का प्रयास किया जाएगा।

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