Dhanteras 2023: आज धनतेरस का पर्व, जानें पूजन से लेकर खरीदारी का शुभ मुहूर्त

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Dhanteras 2023: आज धनतेरस का पर्व, जानें पूजन से लेकर खरीदारी का शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2023: आज धनतेरस का पर्व, जानें पूजन से लेकर खरीदारी का शुभ मुहूर्त


Dhanteras 2023: धनतेरस सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में बेहद उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है. इस शुभ दिन पर लोग विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में शामिल होते हैं और भगवान कुबेर, भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. 

वे अपने घर के बाहर दीये और मोमबत्तियां जलाते हैं. हर साल धनतेरस दिवाली दो दिन पहले मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. 

इस बार धनत्रयोदशी 10 नवंबर यानी आज मनाई जा रही है. धनतेरस के दिन नए बर्तन, सोना चांदी के आभूषण खरीदना भी शुभ माना जाता है. 

उदयातिथि के अनुसार, धनतेरस 10 नवंबर यानी आज मनाई जा रहा है. इस बार धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर यानी आज दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 11 नवंबर यानी कल दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर होगा. 


धनतेरस का आज पूजन मुहूर्त शाम 5 बजकर 47 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. जिसकी अवधि 1 घंटा 56 मिनट रहेगी. 

प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगा 

धनतेरस 2023 खरीदारी मुहूर्त (Dhanteras 2023 shubh muhurat for shopping)

अभिजीत मुहूर्त- 10 नवंबर यानी आज धनतेरस पर सुबह 11 बजकर 43 बजे से लेकर 12 बजकर 26 मिनट तक. ये सबसे शुभ मुहूर्त है. 

शुभ चौघड़िया- खरीदारी के लिए दूसरा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 बजे से दोपहर 1 बजकर 22 मिनट तक. 

चर चौघड़िया- खरीदारी का तीसरा मुहूर्त आज शाम 4 बजकर 7 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

धनतेरस पर शाम के वक्त उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करनी चाहिए. दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए. भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई को भोग लगाया जाता है. 

पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें. इसके बाद "धनवंतरि स्तोत्र" का पाठ करें. पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरी को पूजा स्थान पर स्थापित करें."

एक पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन से धन्वंतरि प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था. भगवान धन्वंतरि कलश लेकर प्रकट हुए थे. 

कहते हैं कि तभी से धनतेरस मनाया जाने लगा. धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की भी परंपरा है. माना जाता है कि इससे सौभाग्य, वैभव और स्वास्थ्य लाभ होता है. धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा की जाती है

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